भारत ने ग्रीन टेक्नोलॉजी निवेश में चीन को पछाड़ा, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने से निवेशकों की रुचि बढ़ी
भारत की स्थानीय स्वच्छ ऊर्जा क्षमता बढ़ाने और चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिशें इस बदलाव के प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा, भारत ग्रीन टेक्नोलॉजी का निर्यातक बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
Summit of the Future: UN में PM मोदी की स्पीच- दुनिया में शांति के लिए वैश्विक संस्थाओं में बदलाव हो, भारत मनसा वाचा कर्मणा से काम करेगा
यूएन में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करते हुए भारतीय पीएम मोदी ने कहा, “वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए के लिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, तो दूसरी तरफ साइबर स्पेस जैसे संघर्ष के नए-नए मैदान भी बन रहे हैं.
आखिर क्यूं फटते हैं बादल? जानें क्या है इससे होने वाले नुकसान से बचने का उपाय?
जलवायु परिवर्तन का असर और भौगोलिक स्थितियों के कारण इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
जिसका डर था वही हुआ…लो आ गई 12 साल बाद तबाही की भविष्यवाणी! देश के 80 प्रतिशत जिलों में मौसमी आपदाओं का घोर संकट, पढ़ें ये रिपोर्ट
जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. कहीं भूकंप तो कहीं भारी बारिश, तेज धूप व सर्दी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.
जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर पड़ रहा है बुरा असर, इतने सालों में खतरनाक बिंदु पर पहुंच जाएगा तापमान…अध्ययन में डरा देने वाला खुलासा
अध्ययन को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा है कि एक दशक पहले पहचाने गए जलवायु टिपिंग प्वाइंट्स में से आधे से अधिक अब सक्रिय हो गए हैं.
जलवायु परिवर्तन ने बदला बारिश का पैटर्न…हालात और अधिक होंगे भयावह; एक शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में बारिश के पैटर्न को और अधिक अस्थिर व असामान्य बना रहा है.
क्लाइमेट चेंज पर राजधानी दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में खुलेगा डेडिकेटेड इंटरडिसिप्लिनेरी सेंटर
दक्षिण एशियाई देशों में जलवायु परिवर्तन का अधिक असर होने के कारण साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने इस दिशा में व्यापक अध्ययन एवं शोध करने की ज़रूरत बताई है. इसलिए एक डेडिकेटेड इंटरडिसिप्लिनेरी सेंटर स्थापित किया जाएगा.
जानें क्यों अब धरती पर लंबे होते जा रहे हैं दिन? क्या आने वाले सालों में दिखेगा बड़ा बदलाव, नई रिसर्च ने बढ़ाई दुनिया की चिंता
Days Getting Longer On Earth: वैज्ञानिकों ने ग्लेशियल आइसोस्टैटिक एडजस्टमेंट के प्रभाव को मापा है.
भारत के लिए खतरे की घंटी…! लगातार घटता जा रहा है धरती के नीचे का पानी, क्या होगा भविष्य? पढ़ें ये रिपोर्ट
उत्तर भारत में साल 2002 से लेकर 2021 तक लगभग 450 घन किलोमीटर भूजल घट गया और निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी मात्रा में और भी गिरावट आने का दावा एक रिपोर्ट में किया गया है.
“जलवायु परिवर्तन को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता”, सीजेआई चंद्रचूड़
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायिक प्रणाली केवल संविधान की सेवा करती है. यह किसी और की नहीं बल्कि वादियों की सेवा करती है.