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CJI Chandrachud

CJI Chandrachud: भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उनके कार्यकाल में उच्चतम न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या बढ़ने के बारे में आरोपों के जवाब दिए.

गौरतलब है कि सीजेआई के घर पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर देश के जाने-माने वकील, विपक्षी दलों के नेता समेत अन्य लोगों ने कड़ी आलोचना की थी.

पीठ ने अपने फैसले में कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह सकते, कुछ खास संसाधनों को ही सरकार सामुदायिक संसाधन मानकर इसका इस्तेमाल सार्वजनिक हित में कर सकती है.

सीजेआई रिटायर होने से पहले कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाएंगे, जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक का दर्जा बरकरार रखना चाहिए या नहीं, भी शामिल है.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जजों को राजनीति में जाना चाहिए या नहीं, यह मामला अलग है.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायिक प्रणाली केवल संविधान की सेवा करती है. यह किसी और की नहीं बल्कि वादियों की सेवा करती है.

CJI Chandrachud: सीजेआई ने बताया कि वे कभी अपने स्कूल का वह दिन नहीं भूलेंगे, जब उन्होंने कोई अपराध नहीं किया था और हाथों पर बेंते मारी गई थीं.

Supreme Court on Pregnancy: नाबालिग की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी.

सीजेआई ने राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जांच एजेंसियों को तलाशी और जब्ती की प्रकिया के दौरान संबंधित शख्स की निजता के अधिकार का भी ध्यान रखना चाहिए.

CJI DY Chandrachud on Swami Vivekanand Birth Anniversary: देश आज स्वामी विवेकानंद की 124 जयंती मना रहा है। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में भी ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने वकीलों की तारीफ भी की।