Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में लगातार खटपट बढ़ती जा रही है. सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार इंडिया गठबंधन के घटक दलों में असंतोष दिखाई दे रहा है. जहां हाल ही में अखिलेश के द्वारा कांग्रेस के लिए 11 सीटों पर लगाई गई मुहर की खबर वायरल की गई तो वहीं कांग्रेस ने अखिलेश की इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि ये अंतिम निर्णय नहीं है. तो वहीं सपा की ओर से यूपी के लिए अपने सहयोगी दल- कांग्रेस और RLD को राज्य की 80 में से केवल 18 लोकसभा सीटें यानी कांग्रेस को 11 और रालोद को 7 सीटें दिए जाने की पेशकश बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है. फिलहाल ये दोनों दल अपने-अपने क्षेत्र की ‘ताकत’ के मुताबिक अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं.
सीटों को लेकर कांग्रेस ने पहले ही अखिलेश के 11 सीटों वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और इसको लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं का भी बयान सामने आ चुका है तो वहीं कांग्रेस ने मांग की है कि उसे वर्ष 2009 में पार्टी द्वारा जीती गईं 21 से अधिक सीट दी जाएं, तो दूसरी ओर रालोद राज्य में सात के बजाय आठ सीट पर चुनाव लड़ने की अपनी ख्वाहिश बता चुका है. मालूम हो कि, वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 21 सीटों पर फतह हासिल की थी, जबकि BSP ने 20 सीटें जीती थी. तो वहीं सपा ने 23 सीट पर फतह हासिल की थी तो वहीं भाजपा मात्र 10 सीटों पर ही जगह बना पाई थी. तो वहीं रालोद पांच सीटों पर और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार का कब्जा हुआ था. तो वहीं बाद में अखिलेश यादव द्वारा फिरोजाबाद सीट खाली करने के बाद जब इस सीट पर तत्कालीन समय में उपचुनाव हुआ था तो इसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. तो वहीं सीटों की मांग को लेकर कांग्रेस प्रेदश अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि ‘‘सीट बंटवारे को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है. हम चाहते हैं कि पार्टी राज्य में 22 से अधिक सीट पर चुनाव लड़े जो उसने 2009 के लोकसभा चुनावों में जीती थीं. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में बात कर रहा है.’’
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तो दूसरी ओर रालोद की ओर से एक वरिष्ठ नेता ने सपा द्वारा दी गई सीट के बारे में कहा, ‘‘रालोद देवरिया लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती है. हमारे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने वर्ष 2004 में कांग्रेस के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ा था और अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी थी.” इसी के साथ आगे कहा है कि, 2019 में सपा ने वह सीट बसपा को दे दी थी. कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण रामाशीष राय के पक्ष में है और इससे आश्चर्यजनक परिणाम मिल सकते हैं.
तो वहीं सीटों को लेकर रालोद के नेताओं की ओर से सामने आए बयान में कहा गया है कि, सपा ने उनकी पार्टी को बागपत, मुजफ्फरनगर, मथुरा, कैराना, हाथरस, बिजनौर और अमरोहा की सीट देने की पेशकश की है. तो वहीं अखिलेश द्वारा सीट बंटवारे पर सवाल खड़ा करते हुए रालोद के एक अन्य नेता ने कहा कि, ‘‘पार्टी नेता इस बात से हैरान हैं कि सपा ने उन्हें अमरोहा लोकसभा सीट की पेशकश कैसे की? खासकर तब, जब मौजूदा सांसद दानिश अली कांग्रेस के साथ तालमेल बैठा रहे हैं. इसी के साथ ही रालोद नेता ने ये भी बताया कि, सपा ने रालोद को जिन सात सीटों की पेशकश की है, उनमें से तीन सीट पर सपा के उम्मीदवार रालोद के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरेंगे. तो वहीं ये बात सामने आ रही है कि अखिलेश द्वारा किए गए सीट बंटवारे से रालोद प्रमुख जयंत चौधरी बहुत संतुष्ट नहीं हैं. तो दूसरी ओर सपा नेताओं का कहना है कि, अब कुछ नहीं हो सकता, जो सीटें सपा प्रमुख की ओर से पेश की जा चुकी हैं उसी को लेकर आगे बढ़ेंगे. वहीं सपा के एक नेता ने कहा है कि, सपा यूपी लोकसभा चुनाव में 62 सीट पर चुनाव लड़ेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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