Bharat Express

India alliance

India Alliance and Congress Leadership: 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद, कांग्रेस इंडिया गठबंधन में असंतोष का सामना कर रही है. विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम और मुद्दों पर मतभेदों ने गठबंधन के भीतर तनाव पैदा किया है.

इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी पूर्ण बहुमत के आंकड़े से 32 सीट दूर रह गई, तब INDIA गठबंधन को लगा कि विपक्ष को एकजुट करने का उसका फॉर्मूला काम कर गया, लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद अब ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस INDIA गठबंधन में विलेन बन गई है.

TMC सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है. उनकी इस इच्छा का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने समर्थन किया है.

कांग्रेस इस समय इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही है और किस राज्य में गठबंधन करना है और किस राज्य में नहीं करना है, यह कांग्रेस ही तय करती है. कांग्रेस की इच्छा है कि इंडिया गठबंधन के दल और नेता राहुल गांधी का नेतृत्व उसी तरह से स्वीकार करें जिस तरह से एनडीए के दल नरेंद्र मोदी को स्वीकार किए हैं.

शिवसेना UBT के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर ने हाल में ही बाबरी मस्जिद विध्वंस की सराहना की थी, जिसमें शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे (एमएलसी) और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें शामिल थीं. ऐसा चित्र देखकर सपा नेता खफा हो गए.

प्रशांत किशोर जैसे चुनावी रणनीतिकारों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वे सिर्फ आर्टिस्ट हैं, जो पैसे के बदले काम करते हैं, लेकिन उनके जरिये चुनाव नहीं जीते जाते हैं.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज झारखंड में चुनावी जनसभाएं संबोधित करने पहुंचे. उन्‍होंने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन झारखंड में तीन रैली कीं. उन्‍होंने जामताड़ा में कहा कि राज्‍य में एनडीए सरकार बनने पर घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे.

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री से 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को बहाल करने के लिए कहने का आग्रह किसानों से किया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है.

जम्मू कश्मीर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार हिंदुस्तान के एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर लोगों के अधिकार छीने गए.

सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान 10 जुलाई को हुए थे. विभिन्न दलों के मौजूदा विधायकों की मृत्यु या इस्तीफे के कारण सीटें खाली हो जाने से यहां उपचुनाव जरूरी हो गए थे.