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India alliance

पीएम मोदी दिल्ली में कैंपेन की अगुवाई करते दिख रहे है वहीं केजरीवाल बीजेपी द्वारा किए हर हमले का जवाब दे रही है लेकिन इस सबके बीच कांग्रेस लीडरशिप गायब है.

'इंडिया' ब्लॉक में गठबंधन के बावजूद असहमति और मतभेद बढ़ रहे हैं. हरियाणा-महाराष्ट्र में हार के बाद गठबंधन में दरारें और दिल्ली व बिहार चुनावों में संकट आता दिख रहा है.

लालू यादव के INDIA गठबंधन में फिर से शामिल होने के "दरवाजे खुले हैं" वाले बयान पर नीतीश कुमार ने एक रहस्यमयी प्रतिक्रिया दी. पत्रकारों द्वारा लालू यादव की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने हाथ जोड़कर कहा, "क्या बोल रहे हैं."

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे, क्योंकि कांग्रेस उनकी पार्टी पर लगातार हमलावर है.

India Alliance and Congress Leadership: 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद, कांग्रेस इंडिया गठबंधन में असंतोष का सामना कर रही है. विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम और मुद्दों पर मतभेदों ने गठबंधन के भीतर तनाव पैदा किया है.

इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी पूर्ण बहुमत के आंकड़े से 32 सीट दूर रह गई, तब INDIA गठबंधन को लगा कि विपक्ष को एकजुट करने का उसका फॉर्मूला काम कर गया, लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद अब ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस INDIA गठबंधन में विलेन बन गई है.

TMC सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है. उनकी इस इच्छा का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने समर्थन किया है.

कांग्रेस इस समय इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही है और किस राज्य में गठबंधन करना है और किस राज्य में नहीं करना है, यह कांग्रेस ही तय करती है. कांग्रेस की इच्छा है कि इंडिया गठबंधन के दल और नेता राहुल गांधी का नेतृत्व उसी तरह से स्वीकार करें जिस तरह से एनडीए के दल नरेंद्र मोदी को स्वीकार किए हैं.

शिवसेना UBT के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर ने हाल में ही बाबरी मस्जिद विध्वंस की सराहना की थी, जिसमें शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे (एमएलसी) और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें शामिल थीं. ऐसा चित्र देखकर सपा नेता खफा हो गए.

प्रशांत किशोर जैसे चुनावी रणनीतिकारों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वे सिर्फ आर्टिस्ट हैं, जो पैसे के बदले काम करते हैं, लेकिन उनके जरिये चुनाव नहीं जीते जाते हैं.