CM Shivraj Singh Chouhan: मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने ऐसे राज की परिकल्पना की थी जहां हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले और सभी का कल्याण हो. पीएम मोदी ने भारत में ऐसी ही शासन व्यवस्था स्थापित की है, जिसमें हर व्यक्ति के लिए भरपेट भोजन, रहने के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्का आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था की गई है. हर व्यक्ति का कल्याण किया जा रहा है. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास उनका मूल मंत्र है.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान सिंगरौली में संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ कर रहे थे. उन्होंने संत रविदास की पूजा की. उन्होंने संत भैयालाल भगत, रमाशंकर दास, कन्हैया लाल और सेवादार रमाकांत दास, रामसजीवन दास और प्रेमदास का अंग वस्त्र, शॉल तथा श्रीफल से सम्मान किया. मुख्यमंत्री ने जल कलश और मृदा पात्र का भी पूजन किया.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास जी भारतीय संत परंपरा के शिरोमणि थे जिन्होंने सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता का मंत्र दिया. उन्होंने जात-पात, छुआछूत और कुप्रथाओं का कड़ा विरोध किया. वे परोपकारी, दयालु और मृदुभाषी थे. वे चर्म शिल्पी थे और जो कमाते थे दीन-दुखियों में बांट देते थे, इस कारण पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था, परंतु उनका जन्म भक्ति और परोपकार के लिए था. वे समरसता के अग्रदूत थे. उन्होंने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा की.
मैंने संत रविदास जी की जयंती पर 8 फरवरी को सागर में घोषणा की थी कि वहां 102 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जाएगा, जो समाज को शांति, सद्भाव और समरसता का संदेश देगा. समाज में संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में समरसता यात्राएं निकाली जा रही हैं, जो 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित रथ प्रदेश के 46 जिलों और 53 हजार गांवों से होकर निकलेंगे, जिनमें हर गांव की मिट्टी और 315 नदियों का जल शिलान्यास स्थल पर ले जाया जाएगा. रथ में स्वामी रविदास की पादुका, चित्र और कलश होंगे, जिनका जगह-जगह पूजन किया जाएगा. रथ पर सामाजिक समरसता के संदेश उल्लेखित है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर में संत रविदास के स्मारक का शिलान्यास करेंगे. यह भव्य स्मारक नागर शैली में बनाया जाएगा जिसमें संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी. स्मारक में चार गैलरी होंगी. प्रथम गैलरी में संत रविदास का जीवन, दूसरी में इंटरप्रिटेशन सेंटर, तीसरी में उनका दर्शन और रविदासिया पंथ की शिक्षाएं और चौथी गैलरी में उनका काव्य और साहित्य लाइब्रेरी और संगत हॉल होगा. स्मारक के पास ही जलकुंड, भक्त-निवास और भोजन-शाला बनाई जाएगी.
उन्होंने ने कहा कि संत रविदास कहते थे “ऐसा चाहूं राज में, जहां मिले सबन को अन्न, छोटे-बड़े सब सम बसें रविदास रहे प्रसन्न.” उनकी इस शिक्षा का हमारी सरकारें अक्षरश: पालन कर रही हैं. सरकार गरीबों को नि:शुल्क अन्न दे रही है, सबके लिए पक्के आवास और इलाज की व्यवस्था की गई है. मजदूरी करने आने वालों के लिए 5 रूपये में भरपेट भोजन की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि फेरी वालों और छोटे-मोटे काम करने वालों को किसी को बैठकी देने की जरूरत नहीं है, वे निर्भय होकर अपना कार्य करें.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास की शिक्षा के अनुरूप प्रदेश में सब की खुशहाली के लिए कार्य हो रहे हैं. बहनों को सशक्त बनाया जा रहा है. लाड़ली बहना योजना बहनों के आत्म-सम्मान की योजना है. इसकी राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रूपये प्रतिमाह तक किया जाएगा. प्रदेश में सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है. बच्चों को शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए हर संभव सहायता दी जा रही है. प्रशिक्षण के साथ रोजगार के लिए सीखो-कमाओ योजना शुरू की गई है. प्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है और 50 हजार पदों पर और भर्ती होगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है. पहली सरकारों में अनुसूचित जाति के लिए बजट प्रावधान 286 करोड़ होता था, जबकि हमारी सरकार में यह 26000 करोड़ हो गया है. अजा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, आश्रम शाला, स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. रोजगार के लिए संत रविदास स्वरोजगार योजना में एक लाख से 50 लाख तक का ऋण सरकार अपनी गारंटी पर दिलवा रही है. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण और सावित्रीबाई फुले स्व-सहायता योजना संचालित हैं. भोपाल में संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है जहां 6000 बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
काशी से आये संत भैयालाल भगत सिंह ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के स्मारक में उनकी जन्म-स्थली का पवित्र जल का उपयोग होना हमारे लिये सौभाग्य का विषय है. उन्होंने गुरू रविदास जी की समरसता एवं समाज कल्याण के संदेशों का उल्लेख किया. सांसद रीति पाठक ने कहा कि आज का दिन एतिहासिक दिन है, जिसमें संत रविदास की जन्म-स्थली काशी से आये संतों का सम्मान करने का मौका मिला है. आज का दिन जनहित, विजय और जनभावना के सम्मान का दिन है. यह हमारा सौभाग्य है कि यहां से एकत्र मिट्टी एवं जल का उपयोग सागर जिले में बनने वाले संत रविदास जी के स्मारक के निर्माण में होगा. सांसद पाठक ने क्षेत्र के विकास के लिये मुख्यमंत्री चौहान का आभार व्यक्त किया.
यात्रा प्रभारी कैलाश जाटव ने कहा कि यह यात्रा 5 जिलों से प्रारंभ होकर हजारों गांव से होते हुए पूरे प्रदेश की नदियों का जल एवं मिट्टी को लेकर सागर पहुंचेंगी, जिसका उपयोग संत रविदास जी के स्मारक में होगा. कार्यक्रम में वन मंत्री विजय शाह, विधायक अमर सिंह, सिंगरौली विधायक राम लल्लू बैस, विधायक चितरंगी अमर सिंह, कांतदेव सिंह, रणवीर सिंह रावत, रामसुमिरन गुप्ता सहित अन्य जन-प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.
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