PM Modi Interview on North East: पूर्वोत्तर राज्यों को हमेशा से सरकारों ने नजरअंदाज किया. आजादी के बाद से जो हक नॉर्थ ईस्ट राज्यों को मिलने चाहिए थे, उनपर केंद्र की सरकारें कुंडली मारकर बैठी रहीं. जिसके चलते ये राज्य पिछड़ेपन का शिकार होते रहे. ऐसा इसलिए भी पार्टियां कर रही थीं क्योंकि उन्हें यहां पर चुनावी नजरिए से लाभ नहीं दिखता था, लेकिन पिछले 10 सालों में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में विकास की बयार तेजी के साथ बह रही है. केंद्र की मोदी सरकार देश के अन्य राज्यों की तरह ही यहां पर भी विकास की धारा को मोड़कर यहां के लोगों को सशक्त बनाने में जुटी हुई है.
पीएम मोदी ने असम ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में इन बातों का जिक्र किया है. उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैसे पूर्ववर्ती सरकारों ने पूर्वोत्तर राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया. जिसका खामियाजा वहां की जनता को वर्षों भुगतना पड़ा. पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद दशकों तक, पूर्वोत्तर राज्यों को हाशिये पर धकेल दिया गया. लगातार कांग्रेस सरकारों ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया क्योंकि उनके लिए इस क्षेत्र में संभावित चुनावी लाभ बहुत कम था. उनके लिए पूर्वोत्तर बहुत दूर था और इसके विकास के लिए काम करना भी मुश्किल था.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि “जब हमने सरकार बनाई तो पूर्वोत्तर में यथास्थिति बदलने की मेरी दृढ़ प्रतिबद्धता थी. हमने अलगाव और उपेक्षा की नीति को एकीकरण की नीति से बदल दिया. पिछले 10 वर्षों में यह दिखाई दे रहा है कि कैसे हमने पूर्वोत्तर के अलगाव को समाप्त किया है और इसे पूर्व में भारत के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया है. मैंने लगभग 70 बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, जो शायद मुझसे पहले के सभी प्रधानमंत्रियों की कुल यात्राओं से भी अधिक है. 2015 के बाद से केंद्रीय मंत्री 680 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं. हमने लोगों के दरवाजे तक शासन पहुंचाकर इस धारणा को बदल दिया है कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है. आज पूर्वोत्तर ना दिल्ली से दूर है और ना दिल से दूर है.”
पीएम मोदी ने बताया कि “पिछले पांच वर्षों में, हमने क्षेत्र के विकास के लिए जो निवेश किया है, वह कांग्रेस सरकार या पिछली किसी भी सरकार द्वारा आवंटित धन से लगभग चार गुना अधिक है. पिछले दशक में हुए बुनियादी ढांचे के विकास ने इस क्षेत्र को देश और दुनिया के बाकी हिस्सों से इतना जोड़ दिया है, जितना पहले कभी नहीं हुआ था.”
हमने बोगीबील ब्रिज और भूपेन हजारिका सेतु जैसी लंबे समय से प्रतीक्षित महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं को पूरा किया, जिससे लोगों का जीवन आसान हो गया है. हाल ही में, मुझे सेला टनल का उद्घाटन करने का अवसर मिला, जो 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है. यह सीमावर्ती क्षेत्रों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. हमारी सरकार ने ही 2019 में इसका शिलान्यास किया था. इसलिए, आप हमारे काम की गति और पैमाने को देख सकते हैं. मुझे पूर्वोत्तर की युवा शक्ति, उनकी प्रतिभा, उनके कौशल और उनकी ऊर्जा पर भरोसा है. हमने शिक्षा, खेल, उद्यमिता और कई अन्य क्षेत्रों में उनके लिए दरवाजे खोले हैं.”
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2014 के बाद से पूर्वोत्तर में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं.
देश का पहला खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में खोला गया है. हम 8 राज्यों में 200 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र बना रहे हैं.
पिछले दशक में इस क्षेत्र से 4,000 से अधिक स्टार्टअप उभरे हैं.
इस क्षेत्र में कृषि फल-फूल रही है, फलों के निर्यात, जैविक खेती और मिशन ऑयल पाम से काफी समृद्धि आ रही है.
पीएम मोदी ने घुसपैठ और उग्रवाद के मुद्दे पर बताया कि “पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोह और घुसपैठ के साथ ही संस्थागत उपेक्षा का एक लंबा इतिहास रहा है. हमने उग्रवाद से दृढ़ता से निपटने का फैसला किया, लेकिन साथ ही, हमने यह भी सुनिश्चित किया कि आम लोगों को बहुत सावधानी और करुणा के साथ गले लगाया जाए. जिसका नतीजा है कि हमने उग्रवाद को काफी हद तक नियंत्रित किया है, वहीं हम अपने लोगों का विश्वास जीतने और शांति सुनिश्चित करने में भी सक्षम हुए हैं.”
पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि “हमने पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके पूर्वोत्तर को एक “परित्यक्त क्षेत्र” से “प्रचुर क्षेत्र” में बदल दिया है. पिछले 10 वर्षों में, पूर्वोत्तर में कई चीजें पहली बार हुई हैं. जिसमें- पूर्वोत्तर के कई हिस्से पहली बार रेल सेवा से जुड़ रहे हैं. आजादी के 67 साल बाद मेघालय भारत के रेल नेटवर्क पर आया. नगालैंड को 100 साल बाद अब अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिल गया है. पहली मालगाड़ी मणिपुर के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पहुंची. पूर्वोत्तर को पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन मिल गई. सिक्किम को पहला हवाई अड्डा मिल गया.”
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इसलिए जरा कल्पना कीजिए कि पिछली सरकारों ने कितनी कमी पैदा की थी और कितनी उपेक्षा की थी. उड़ान योजना के तहत 74 मार्गों का संचालन करते हुए हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर 17 हो गई है. 2014 से पहले पूर्वोत्तर में केवल एक राष्ट्रीय जलमार्ग था. अब 5 जलमार्ग चालू हैं. मोबाइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सैकड़ों टावर गांवों को कवर कर रहे हैं. आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि अगरतला में एक अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट गेटवे (IIG) है. मुंबई और चेन्नई के बाद इस तरह के प्रवेश द्वार वाला यह देश का तीसरा केंद्र है.
वहीं पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन की तरफ से किए जा रहे दावे को लेकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. आज सूरज की पहली किरण की तरह अरुणाचल और नॉर्थईस्ट तक विकास के काम पहले से कहीं ज्यादा तेज गति से पहुंच रहे हैं. पिछले महीने, मैंने विकसित भारत, विकसित उत्तर पूर्व कार्यक्रम के लिए ईटानगर का दौरा किया था. मुझे 55,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का अनावरण करने का सौभाग्य मिला, जो विकसित नॉर्थ ईस्ट के लिए गारंटी प्रदान कर रही हैं. हमने लगभग 125 गांवों के लिए नई सड़क परियोजनाएं और 150 गांवों में पर्यटन और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाएं शुरू की हैं. सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना भी शुरू की है जो उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निवेश और नौकरियों के लिए नई संभावनाएं लाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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