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Covid-19 : केरल में तेजी से फैल रहा कोरोना, एक दिन में मिले 111 नए मरीज, मरने वालों की संख्या पहुंची 72 हजार के पार

Corona Virus: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आने के बाद से ही केंद्र सरकार ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. राज्यों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है. इसी बीच केरल में कोरोना तेजी के साथ फैलने लगा है. बीते 24 घंटे में 111 नए मामले सामने आए हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब राज्य में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,634 हो गई है.

सरकार ने सतर्क रहने की अपील की

केरल में कोरोना के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार भी अलर्ट हो गई है. लोगों से ना घबराने की सलाह देने के साथ ही कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर सतर्क रहें. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करें. बीते 3 सालों में कोरोना से राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 72 हजार 53 पहुंच गया है.

केंद्र सरकार ने कही ये बात

केद्र सरकार ने राज्यों और केद्र शासित प्रदेशों से कोविड के नए वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद सतर्कता बनाए रखने के लिए कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य की सरकारें अपनी गति को बनाए रखें, ये बहुत जरूरी है.

केरल से सामने आया पहला सब-वैरिएंट

कोरोना के नए वैरिएंट का मामला मामला 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम से एकत्र किए गए आरटी-पीसीआर पॉजिटिव सैंपल के माध्यम से सामने आया था. जब एक 78 साल की महिला ने इन्फ्लूएंजा के हल्के लक्षणों का अनुभव किया था. इतना ही नहीं कोरोना के नए वैरिएंट से अबतक 2 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूरी कर दिया है.

यह भी पढ़ें- फिर डराने लगा CoronaVirus, केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी की एडवाजरी, जानें अब तक कितने नए मामले आए सामने

क्या हैं JN.1 कोविड सब-वैरिएंट के लक्षण

दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. उज्ज्वल प्रकाश ने बताया कि जेएन.1, विश्व स्तर पर देखे गए अन्य वेरिएंट और उप-वेरिएंट के समान, एक हल्का वेरिएंट है. बताए गए लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और कुछ मामलों में हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण शामिल हैं. इसके अलावा, डॉक्टर ने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकांश रोगियों को इन हल्के ऊपरी श्वसन लक्षणों का अनुभव होता है, जो आमतौर पर चार से पांच दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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