Coronavirus Update: कोरोनावायरस के नया सब वेरिएंट जेएन.1 आम आदमी के लिए घातक होता जा रहा है. इसको लेकर हाल ही में केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की थी. इसके बाद ही अलग अलग राज्यों ने भी कोरोनावायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है. जानकारी के मुताबिक, 24 दिसंबर तक देश में कोरोना के नए सब वेरिएंट जेएन.1 के कुल 63 केस हैं. खास बात यह है कि इस नए वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले गोवा से आए हैं, जिनकी संख्या 34 हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र से 9 और कर्नाटक से 8 केस मिले हैं. ऐसे में कोरोना का विस्तार बढ़ना राज्य सरकारों के लिए खतरे की नई घंटी है.
बता दें कि कोरोना की लहरों के दौरान महाराष्ट्र में चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी हुई थी. ऐसे में यहां कोरोना के मामले में बढ़ना भी एक खतरे की घंटी हैं. राज्य में महामारी फैलने के बाद से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 81,72,135 हो गई. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया कि नए मामलों में से 9 जेएन.1 वैरिएंट से जुड़े हैं. जेएन.1 रोगियों में ठाणे शहर के 5, पुणे शहर के 2, पुणे जिले, अकोला शहर और सिंधुदुर्ग जिले के ग्रामीण इलाकों का एक-एक रोगी शामिल हैं.
बुलेटिन में कहा गया कि JN.1 के सभी रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं. इस समय कोई भी इससे संक्रमित मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है. दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने जेएन.1 पर नजर रखने के साथ ही जांच बढ़ाने की योजना बनाई है. त्योहारी सीजन के बीच कोविड मामलों में बढ़ोतरी के साथ नया खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में दिल्ली में डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, भीड़-भाड़ से बचने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी है.
बता दें कि ओमीक्रॉन कोविड महामारी की विनाशकारी तीसरी लहर से 2022 की शुरुआत में दिल्ली में संक्रमणों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी. डेल्टा वैरिएंट वाली दूसरी लहर ने अन्य स्थानों की तरह राष्ट्रीय राजधानी में भी 2021 में कहर बरपाया था. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर बेड और अन्य आवश्यकताओं की फिर से समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड जेएन.1 संक्रामक है लेकिन हल्का है. दिल्ली के मंत्री ने कहा था कि वे इसको लेकर पूरी तरह सतर्क हैं.
एम्स के पूर्व डायरेक्टर और सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने नए सब वेरिएंट को लेकर कहा है कि नया कोविड-19 का सब-वैरिएंट जेएन.1 तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके कारण मरीजों की स्थिति गंभीर नहीं हो रही है और ना ही हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ा है. यह अधिक संक्रामक है और यह अधिक तेजी से फैल रहा है. यह धीरे-धीरे एक मुख्य वैरिएंट बनता जा रहा है. यह अधिक संक्रमण का कारण बन रहा है लेकिन डेटा यह भी बताता है कि यह गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है.
नई वैक्सीन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि हमें एक ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो वायरस के किसी भी वैरिएंट पर काम कर सके और सुरक्षा दे पाए. जेएन.1 ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जिसमें म्यूटेशन हुए हैं इसलिए ओमीक्रॉन के खिलाफ बनाई गई वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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