भगवान बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के लिए कॉरीडोर (Banke Bihari Corridor) बनाने की चर्चाओं ने इन दिनों जोर पकड़ लिया है. मंदिर कॉरिडोर में दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने लगभग 5 एकड़ क्षेत्रफल में गलियारा (कॉरिडोर) बनाने का फैसला लिया है. वहीं, कॉरिडोर की चर्चाएं तेज होने के चलते वृंदावन के व्यापारी और स्थानीय लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं . प्रस्तावित योजना के लिए मंदिर के चढ़ावे से खर्च का मथुरा के गोस्वामियों ने विरोध किया है.
वह मंदिर के चढ़ावे से काम कराने के पक्षधर नहीं है. चढ़ावा चाहे कैश में हो या फिर सोना-चांदी के रुप में हो, सभी प्रकार का चढ़ावा भगवान के नाम पर खुले बैंक अकाउंट में जमा होता है. प्रशासन को उन पैसों के खर्च की वे अनुमति नहीं देना चाहते हैं.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिंदल न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान मंगलवार को ये बातें कहीं गई, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अब अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी.
खंडपीठ मथुरा के बांके बिहारी मंदिरों में सुरक्षा को लेकर दाखिल अनंत शर्मा और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही है.
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