Ghosi Bypolls Result 2023: मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए आज वोटों की गिनती शांतिपूर्वक जारी है. जिसमें पहले और दूसरे नम्बर पर क्रमश: सपा और भाजपा प्रत्याशी हैं तो तीसरे नम्बर पर नोटा (NOTA-None of the above यानी उपरोक्त में से कोई नहीं) है. अभी तक नोटा को 457 वोट मिले हैं. यानी अभी तक का रुझान अगर देखा जाए तो 457 मतदाताओं ने न तो सपा को चुना और न ही भाजपा को. इस तरह कहा जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती की बात का असर देखने को मिल रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने समर्थकों से वोटिंग से पहले नोटा दबाने की अपील की थी.
बता दें कि इस 5 सितम्बर को घोसी में हुए उपचुनाव में मायावती ने खुद को किनारे रखते हुए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था लेकिन उन्होंने किसी को सपोर्ट भी नहीं किया था. इसी के साथ बसपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने वोटिंग से पहले ही अपने समर्थकों से कहा था कि अगर मतदान केंद्र जाएं तो केवल नोटा विकल्प ही चुनें. बसपा ने अपने समर्थकों से ये भी कहा था कि वे उपचुनाव से दूर रहेंगे. तो वहीं कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया था. इसी के बाद आज जब मतगणना जारी है तो बसपा की अपील का साफ असर देखा जा रहा है क्योंकि आठवें चरण की मतगणना में अभी तक सामने आया है कि 457 लोगों ने नोटा दबाया.
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बता दें कि घोसी विधानसभा सीट पर 1993 औऱ 2007 में बसपा ने जीत हासिल की थी और 1989, 1996, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में उपविजेता रही थी. वहीं बता दें कि इस बार घोसी उपचुनाव में 5 सितम्बर को कुल 50.30% वोटिंग हुई थी, जो पिछले चुनाव 2022 से 8% कम रही. अगर यहां पर पिछले चुनावों की बात करें, तब वोटिंग प्रतिशत 58.53% था और 2.56 लाख वोटर्स ने वोटिंग की थी. यानी ये कह सकते हैं कि पिछली बार के करीब 40 हजार वोटर्स इस बार पोलिंग बूथ नहीं पहुंचे और अपने मतदान का इस्तेमाल नहीं किया. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल में 4 बार चुनाव हुए. मिली जानकारी के मुताबिक, इस विधानसभा क्षेत्र में वोटर्स की कुल संख्या 4.30 लाख है.
5 सितम्बर को यहां पर हुए मतदान के बाद वोटिंग प्रतिशत जारी किया गया था, जिससे साफ होता है कि कुल वोटर्स में करीब 2.16 लाख ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. बता दें कि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट पड़े थे. वहीं अगर पिछले चार बार के विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो 2012 में सपा के सुधाकर सिंह विजयी हुए थे तो वहीं 2017 में भाजपा के फागू चौहान को जीत मिली थी और 2019 में भी भाजपा के विजय राजभर जीते थे और 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सपा विजयी हुई थी और सपा के दारा सिंह चौहान जीते थे लेकिन अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही दारा सिंह ने इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. इसी के बाद ये उपचुनाव जरूरी हो गया था, जिसको लेकर शुक्रवार को मतगणना जारी है.
-भारत एक्सप्रेस
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