दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगे के एक मामले में आरोपी के वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए पेश होने के लिए उचित व्यवस्था नहीं करने पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने रेखांकित किया कि इस वजह से दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की गवाही को टालना पड़ा, क्योंकि आरोपी सरफराज़ ने वीसी के जरिए पेश होने का विकल्प चुना था, लेकिन उसकी वीडियो ठीक तरह से काम नहीं कर रहा था।
वीडियो नहीं कर रहा था काम
न्यायाधीश ने कहा है कि सरफराज़ की उपस्थिति की प्रतीक्षा करने के बावजूद वीडियो लगातार काम नहीं कर रहा था और आरोपी ने कहा कि उसकी तरफ का नेटवर्क ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने वीसी के माध्यम से किसी भी वादी को पेश होने की अनुमति दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस माध्यम से उपस्थिति उचित तरीके से न हो। जब कोई वादी या कोई वकील वीसी के माध्यम से उपस्थित होने का विकल्प चुनता है, तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह वीसी के माध्यम से उपस्थिति के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे। यह वीडियो और आडियो में बिना किसी भी रूकावट के होनी चाहिए। न्यायाधीश ने असंतोष व्यक्त करते हुए इस तरह से स्थगन के लिए आरोपी पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
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