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Karkardooma Court: कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला जमानत नियम है के सिद्धांत से अलग है.

कोर्ट ने दिल्ली दंगे के एक मामले में जिन लोगों को बरी किया है उनपर आरोप था कि वे उस भीड़ के सदस्य थे, जिन्होंने 25 फरवरी, 2020 को गोकुलपुरी इलाके के एक घर को लूट लिया था और उसमें आग लगा दिया था.

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने यह भी कहा कि आरोपियों की ओर से किसी भी तरह की देरी को अदालत गंभीरता से लेगी.

मोहम्मद मुनाजिर नाम के शख्‍स की शिकायत पर दिल्‍ली निवासी मिट्ठन सिंह और जोनी कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उसने इन पर मस्जिद और अपने घर में आग लगाने का आरोप लगाया था.

सुनवाई के दौरान कलिता के वकील ने तर्क रखा कि याचिकाकर्ता अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और चैट सहित दस्तावेज मांग रही थी. वकील ने कहा कि वीडियो जो उसके पक्ष में था और उसकी बेगुनाही को दर्शाता है.

पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल बीते 25 मई को आग लगने सात नवजात बच्चों की मौत हो गई थी.

कड़कड़डूमा कोर्ट के न्यायाधीश ने असंतोष व्यक्त करते हुए इस तरह से स्थगन के लिए आरोपी पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

मार्च 2020 में इशरत जहां को दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों को लेकर यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था. मार्च 2022 में उन्हें जमानत मिल गई थी.

Delhi Riots Case: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने नूर मोहम्मद उर्फ नूरा को सजा सुनाते हुए कहा कि दंगों की कार्रवाई नफरत से प्रेरित थी. जबकि, डकैती और नकद राशि की लूट, लालच से प्रेरित थी.

दरअसल एक मामले में पुलिस की लीगल सेल ने SHO शकरपुर को कड़कड़डूमा जिला अदालत में पेश होने की सलाह दी थी.