देश

पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, साढ़े 10 लाख रुपये का लगाया जुर्माना

रोहिणी कोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ बलात्कार के जुर्म में एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है. रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने कहा कि दोषी ने बच्ची के साथ जानवरों जैसी क्रूरता की है. उन्होंने बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध पर दुख व रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सजा जघन्य कृत्य की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे यह एक प्रभावी निवारक के रूप में काम करे.

साढ़े 10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

कोर्ट ने कहा कि घटना के परिणामस्वरूप न केवल पीड़िता बल्कि उसके पूरे परिवार के सदस्यों को समाज में अपमान का सामना करना पड़ा है. इस घटना ने बच्ची के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है, जिसके लिए उसे वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. उन्होंने यह कहते हुए बच्ची को 10.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया.

कोर्ट ने दोषी को पॉक्सो की धारा छह (गंभीर यौन हमला) के तहत दोषी ठहराया था. उसने 28 वर्षीय व्यक्ति को अपहरण, गंभीर चोट पहुंचाने और बलात्कार के लिए भी दोषी ठहराया है. अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक ने कहा था कि घृणित और निंदनीय कृत्य के कारण दोषी सहानुभूति के लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि बच्ची का अपहरण करते समय, व्यक्ति ने उसके गालों को काटा और उसके चेहरे पर इतनी जोर से मारा कि उसके दांत टूट गए थे.

न्यायाधीश ने कहा कि यह अदालत बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों से दुखी और व्यथित है. पांच साल की बच्ची भाई दूज के त्योहार के लिए अपने नाना-नानी के घर गई थी और उसे खुशी-खुशी समय बिताना था, लेकिन दोषी ने उसके साथ जानवरों जैसी क्रूरता की है. उसकी गरिमा को तार-तार कर दिया गया. यह कहना कि बच्ची समाज के लिए एक उपहार है, दोषी जैसे व्यक्ति के कारण बेतुका लगता है. पीड़िता को बिना किसी गलती के ऐसी यातना सहनी पड़ी.

यह भी पढ़ें- सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

कोर्ट ने कहा कि यौन अपराध ने बच्चे के जीवन पर गहरा असर डाला है, इसलिए सजा घृणित कृत्य की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे इस तरह की सोच वाले लोगों के लिए यह एक प्रभावी निवारक के रूप में काम कर सके. अपराध की गंभीरता, बच्ची और दोषी की आयु, दोषी और पीड़िता की पारिवारिक स्थिति तथा उन पर प्रभाव डालने वाले सामाजिक और आर्थिक कारकों समेत विभिन्न परिस्थितियों पर विचार करते हुए दोषी को पोक्सो कानून की धारा छह के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

अडानी एंटरप्राइजेज जारी करेगा 800 करोड़ रुपये का एनसीडी, खास योजना को 4 सितंबर को किया जाएगा लॉन्च

Adani Enterprises: अदानी समूह की प्रमुख इकाई एईएल ने इश्यू को 4 सितंबर से 17…

4 mins ago

फैमिली शो ‘अनुपमा’ से अचानक अलग हुए अभिनेता सुधांशु पांडे, वीडियो शेयर कर बताई ये बड़ी वजह

Sudhanshu Pandey Leaving Anupama: फैमिली शो 'अनुपमा' में वनराज शाह की भूमिका निभा रहे एक्टर सुधांशु…

22 mins ago

रूस ने 92 अमेरिकी नागरिकों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध, इसमें पत्रकार से लेकर ये लोग भी शामिल

मंत्रालय की सूची के अनुसार रूस ने अब तक 2,000 से अधिक अमेरिकियों के अपने…

26 mins ago

Gem Astrology: ये तीन रत्न भूलकर भी ना पहनें एक साथ, हो सकता है उल्टा असर

Gem Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ रत्न ऐसे हैं जिन्हें एक साथ नहीं पहना…

31 mins ago

शेख हसीना के पार्टी से जुड़े बांग्लादेश के नेता की सड़ी-गली लाश मिली मेघालय में, इस तरह हुई पहचान

शुरुआती जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बॉर्डर पार करते हुए शायद…

43 mins ago