Prayagraj: माघ महीने में प्रयागराज में लगने वाले मेले का विशेष महत्व है. माघ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के मौके पर संगम नगरी प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. देश के कोने-कोने से यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है.
आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान और दान का सिलसिला जारी है. हालांकि देर रात से हो रही रिमझिम बारिश के चलते यहां ठंड काफी बढ़ गई है. लेकिन आज बसंत पंचमी के दिन इस पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था भारी रही. श्रद्धालुओं में मां सरस्वती के दिन बसंत पंचमी पर स्नान पर्व को लेकर खासा उत्साह है. श्रद्धालु बारिश में भीगते हुए पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करने पहुंच रहे हैं.
हर साल माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. बसंत पंचमी का दिन विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है.इसलिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी संगम में स्नान कर मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर रहे हैं. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी को शिक्षा का पर्व भी माना गया है.
उपनयन संस्कार के लिए भी इस दिन को उत्तम माना जाता है. प्राचीन भारत में इस दिन से ही गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरूआत की जाती थी. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से साधकों की साधना भी पूरी होती है, तो वहीं विद्यार्थियों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें ज्ञान के साथ सफलता की प्राप्ति होती है.
प्रयागराज के घाटों पर विशेष इंतजाम, ड्रोन से भी निगरानी
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आज संगम के घाटों पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. डीप वाटर बैरिकेडिंग के साथ ही स्नान वाले घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है. प्रयागराज में मेले की सुरक्षा के लिए 5000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा 200 सीसीटीवी कैमरे और कई ड्रोन से भी मेले की निगरानी की जा रही है.
माघ मेले में बनाए गए सभी 16 इंट्री पॉइंट पर सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है.आज गणतंत्र दिवस को देखते हुए भी मेले की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट है. वहीं साधु संतों के शिविरों में भी आज के दिन गणतंत्र दिवस मनाए जाने की विशेष तैयारी की गई है.
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प्रयागराज में स्नान का विशेष महत्व
देश के कोने-कोने से लोग कल्पवास करने और नहान करने के लिए प्रयागराज में आते हैं. माघ मास के इस मेले में न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. संगम पर तीनों नदियों के पवित्र जल के कारण माना जाता है कि यहां पर स्नान करने का अत्यधिक पुण्य लाभ मिलता है.
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