CRPF Jawans Fake Track Suits Case: देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल (CRPF) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में एक अधिकारी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर नकली ट्रैक सूट बेचे जाने की शिकायत की थी. इसके बाद सीआरपीएफ मुख्यालय से इसकी जांच की गई. फिलहाल इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रुप सेंटर के डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को 12 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और उनको सीआरपीएफ के नॉर्दन सेक्टर के आईजी कार्यालय से अटैच कर दिया गया है. तो वहीं अन्य कई कर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है.
इस मामले की शिकायत बल के सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने की थी और रीजनल सीडब्ल्यूए, जीसी नोएडा, आईजी विजिलेंस, डीआईजी वेलफेयर और डीआईजी ग्रेटर नोएडा को भी अपनी शिकायत की प्रति भेजी थी. इसी के साथ ही 1600 रुपये के बिल वाली स्लिप भी भेजी थी. इसी के बाद मामले में जांच चल रही थी. शिकायत में राहुल ने बताया था कि परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है. उन्होंने ये भी कहा था कि नियमों के अनुसार, परिवार कल्याण केंद्र को व्यापार का अधिकार नहीं है. यह तो जवानों और उनके परिवारों के कल्याण की संस्था है. इसी के साथ ही शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि इसी से जुड़े कुछ लोग जवानों को ट्रैक सूट बेच रहे हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि यह ट्रैक सूट, बल की वर्दी का हिस्सा नहीं है. इसी के साथ ही शिकायत में इस बात पर भी संदेह करते हुए कहा गया कि यह भी मालूम हुआ कि ट्रैक सूट, जवानों को अधिक दामों पर जबरन बेचा गया है. शिकायत में ये भी कहा गया है कि ट्रैक सूट पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड का नाम लिखा था. इसी के साथ ही सहायक कमांडेंड ने ये भी दावा किया कि यह ट्रैक सूट नकली है. उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की थी.
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सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने अपनी शिकायत में ये भी लिखा कि इस मामले से न केवल जवानों की आर्थिक सुरक्षा को चोट पहुंचाई गई है बल्कि बल के उच्च आदर्शों को धक्का पहुंचा है. शिकायतकर्ता ने डीआईजी को लिखे एक अन्य पत्र में इस पूरे मामले को गम्भीर बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही कहा था कि उपभोक्ता फोरम में भी इसकी शिकायत की जाएगी. शिकायतकर्ता ने ये भी कहा था कि नियम के मुताबिक सीडब्ल्यूए केंद्र पर वही उत्पाद बेच सकते हैं, जिनको केंद्र के सदस्य खुद बनाते हैं, लेकिन केंद्र का कोई सदस्य ट्रैक सूट नहीं बनाता है. ये ट्रैक सूट शिव नरेश ब्रांड के नाम से नकली बेचे गए हैं. सहायक कमांडेंड ने ये भी कहा है कि ग्रुप सेंटर पर सीडब्ल्यूए केंद्र, वहां के डीआईजी की पत्नी की देख-रेख में चलाए जाने का नियम है. शिकायतकर्ता ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कोई भी सामान सीडब्लूए जीसी की अध्यक्ष की अनुमति से ही केंद्र पर बेचा जा सकता है. शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में ये भी सवाल खड़े किए हैं कि सीडब्लूए केंद्र पर ट्रैक सूट बेचने की इजाजत आखिर किसने दी. ट्रैक सूट वाले पैकेट पर ‘देश की वर्दी’ भी लिखा था. बता दें कि ये मामला 10 अप्रैल को सामने आया था और इस पर 12 अप्रैल को कार्रवाई की गई. बता दें कि इस खबर के सामने आने के बाद से ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. माना जा रहा है कि इससे बल की छवि को नुकसान पहुंचा है.
-भारत एक्सप्रेस
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