Dantewada Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ है. जिले के अरनपुर के पास डीआरजी के जवानों को ले जा रहे एक वाहन को नक्सलियों ने IED से विस्फोट से उड़ा दिया. इस हमले में 11 जवान शहीद हो गए. नक्सलियों ने रोड के बीचोबीच लैंडमाइन बिछाई थी. जैसे ही वाहन वहां से गुजरा वह इसकी जद में आ गया. यह आईईडी धमाका इतना जबरदस्त था कि रोड पर कई फुट गहरे गड्ढे बन गए. वहीं डीआरजी जवानों को ले जा रही गाड़ी के परखच्चे उड़ गए.
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि अरनपुर क्षेत्र में दरभा डिवीजन के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से सुरक्षाबल के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था. उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबल के जवान एक वाहन से लौट रहे थे तब नक्सलियों ने अरनपुर और समेली गांव के मध्य विस्फोट कर दिया. सुंदरराज ने बताया कि इस घटना में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 10 जवान और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई.
क्या है TCOC?
राज्य में पिछले दो वर्षों के दौरान सुरक्षाबलों पर माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला है. बता दें कि दंतेवाड़ा समेत सात जिलों में शामिल बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों पर मार्च और जून माह के बीच बड़ी संख्या में हमले हुए हैं. एक पैटर्न के मुताबिक, नक्सली मार्च और जून के मध्य टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते रहते हैं और बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करते रहे हैं. इस दौरान वह दशहत फैलाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं.
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इससे पहले 3 अप्रैल 2021 को सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में 22 जवान शहीद हुए थे. इसके पहले 21 मार्च, 2020 को सुकमा के मिनपा इलाके में नक्सली हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. वहीं नौ अप्रैल, 2019 को दंतेवाड़ा जिले में एक नक्सली विस्फोट में भाजपा विधायक भीमा मंडावी और चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और सुकमा में 24 अप्रैल, 2017 को बुरकापाल हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की मृत्यु हुई थी.
साल 2010 में ताड़मेटला (तब दंतेवाड़ा में) में हुए सबसे बड़े नक्सली हमले जिसमें 76 जवानों की मृत्यु हुई थी वह भी अप्रैल माह में हुआ था. 11 मार्च 2014 को टाहकावाड़ा नक्सली हमले में 15 जवानों की शहादत हुई थी. 25 मई 2013 को झीरम घाटी हत्याकांड में कांग्रेस नेताओं समेत 30 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें कई जवान भी शामिल थे. 11 मार्च 2017 को सुकमा के भेज्जी इलाके में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे.
वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने नक्सली हमले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है और नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे. जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम भूपेश बघेल से बात की है और हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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