दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में सामान्य रूप से छात्रों और विशेष रूप से महिला छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रमों या त्योहारों का आयोजन करते समय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा पालन की जाने के लिए पुलिस द्वारा बनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने का निर्देश दिया है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने 22 अप्रैल को एसओपी पर ध्यान दिया और आईआईटी दिल्ली के वार्षिक उत्सव ‘Rendezvous’ में दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज के छात्रा का गुप्त रूप से वीडियो बनाने (secret filming) की एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद पिछले साल शुरू की गई स्वत: संज्ञान मामले में कार्यवाही बंद कर दी.
रिपोर्ट में दिल्ली भर में आयोजित वार्षिक कॉलेज उत्सवों के लिए नियोजित सुरक्षा उपायों में खामियों पर प्रकाश डाला गया था, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे उत्सवों में भाग लेने वाले छात्रों को चोटें लगी और उन्हें आघात पहुंचा था.
22 अप्रैल को सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने कहा था कि वे उनके द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों/सलाहों के साथ-साथ एसओपी का पालन करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके निर्देश या सलाह किसी भी तरह से एसओपी के साथ टकराव में नहीं हैं.
मामले को बंद करते हुए पीठ ने कहा कि अगर एसओपी को भविष्य में संशोधित करने की जरूरत है तो सभी पक्ष सहमति से ऐसा करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
अन्य बिंदुओं के अलावा एसओपी में कहा गया है कि किसी भी छात्र को संबंधित विश्वविद्यालय या कॉलेज के वैध फोटो पहचान पत्र (आईडी) के बिना परिसर में प्रवेश अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अभाव में छात्र की पहचान प्रवेश/शुल्क रसीद के साथ सत्यापित की जाएगी. इसके अलावा छात्र के रिश्तेदारों को कार्यक्रम या उत्सव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
लड़कियों के शौचालयों में सुरक्षा के संबंध में एसओपी में कहा गया है कि केवल महिला श्रमिकों या कर्मचारियों को लड़कियों के सामान्य कमरे, शौचालय क्षेत्रों और चेंजिंग रूम तक पहुंचने और साफ करने की अनुमति दी जाएगी.
इसमें कहा गया है कि महिला निजी सुरक्षा गार्डों को इन क्षेत्रों और इसके आसपास और महिला छात्रों द्वारा अक्सर आने-जाने वाले अन्य क्षेत्रों में तैनात किया जाना चाहिए. पर्याप्त गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए लड़कियों/महिलाओं के शौचालय क्षेत्र में सभी खिड़कियां/वेंटिलेशन स्थान एक तरफ से सील या अपारदर्शी कांच से ढके होने चाहिए.
पुलिस प्रोटोकॉल पर एसओपी में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस कार्यक्रम स्थल से उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए कार्यक्रम स्थल के आसपास पर्याप्त संख्या में रिजर्व बल रखेगी.
इसमें कहा गया है कि अगर कार्यक्रम/उत्सव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना ‘विशेष रूप से एक छात्राओं से संबंधित’ की सूचना मिलती है, तो कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई तुरंत शुरू की जाएगी.
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