दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर विचार करने के लिए ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा. जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की एकल पीठ ने आरोपियों की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा.
दरअसल, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने पर दलीलें सुननी शुरू कर दी थीं. हालांकि, उसी आदेश को आरोपियों में से एक अरुण रामचंद्रन पिल्लई ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आरोप तय करने की सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया था.
अरुण रामचंद्रन पिल्लई ने याचिका में कहा कि 15 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है और अब अभियोजन पक्ष को ‘जल्द सुनवाई’ की आड़ में मौजूदा याचिकाकर्ता के साथ पक्षपात करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि वे जल्द ही ट्रायल कोर्ट में के. कविता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करेंगे. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ अन्य आरोपियों के संबंध में जांच अभी भी लंबित है और जब तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया जाता तब तक यह आरोपियों के साथ पक्षपात होगा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
-भारत एक्सप्रेस
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