दिल्ली हाईकोर्ट ने पुराने एवं मरम्मत किए हुए हार्ड डिस्क ड्राइव (एचडीडी) को बेचे जाने को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि जिस पैकेजिंग में मरम्मत किया हुआ एचडीडी बेचा जाए उसमें उसके मूल उत्पादक का नाम स्पष्ट रूप से दर्शाया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया जाए कि बेचा जा रहा एचडीडी नया उत्पाद नहीं है, बल्कि पुराने को नए रूप में बेचा जा रहा है जिससे ग्राहक को किसी तरह का भ्रम न हो।
कोर्ट ने दिए ये दिशा निर्देश
न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने कहा कि जो एचडीडी बेचा जा रहा है उसपर मूल निर्माता का शब्द चिन्ह हो, लेकिन वह उसके लोगो का उपयोग नहीं करे जिससे उपभोक्ता को कोई धोखा हो। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए कि वर्तमान उत्पाद पर निर्माता की कोई वारंटी या सेवा नहीं है। इन निर्देशों का पालन वे संस्था करेंगे जो इस तरह के उत्पादों को प्रचार साहित्य, वेबसाइट, ई-कॉमर्स लिस्टिंग, ब्रोशर और मैनुअल पर बेच रहे हैं।
न्यायमूर्ति ने यह निर्देश दो कंपनियों की याचिकाओं पर दिया जिनके उत्पाद को दूसरी कई कंपनियां नवीनीकरण कर बेच रहे थे। दोनों कंपनियों ने कहा था कि उसके उत्पाद कुछ समय के बाद अनुपयोगी हो जाते हैं, फिर भी उसकी कार्यक्षमता बनी रहती है। उसके उत्पादों को नए रूप में पेश कर वैिक स्तर पर बेचे जाते हैं और बेचने वाली कंपनियां अपना ब्रांड बता देती है। जबकि ऐसा करना गैर कानूनी है। इसपर न्यायमूर्ति ने कहा कि जब भी कोई उत्पाद को नवीनीकरण को बेचा जाए तो उसके निर्देशों का पालन किया जाए।
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