दिल्ली हाई कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत नागरिकता प्राप्त व्यक्तियों को पुनर्वास पैकेज के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान, यह उजागर किया गया कि कुछ शरणार्थी दयनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, जिसके लिए पुनर्वास पैकेज की आवश्यकता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने टिप्पणी कि यह सरकार द्वारा उठाया जाने वाला नीतिगत मामला है और इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा किस सीमा तक पुनर्वास पैकेज की आवश्यकता है, यह मूलतः नीतिगत मामला है. याचिकाकर्ता ने पाकिस्तान से पलायन करने वाले व्यक्तियों के लिए व्यापक पुनर्वास पैकेज के लिए अधिकारियों के समक्ष पहले ही एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है.
वैभव सैनी नामक व्यक्ति ने एक व्यापक पुनर्वास पैकेज की मांग की है, जिसमें न केवल आश्रय बल्कि स्वास्थ्य सेवा, पानी, बिजली और स्वच्छता तक पहुंच भी शामिल हो. पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा आप पुनर्वास पैकेज की मांग कर रहे हैं और इसका मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों के आधार पर किया जाएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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