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CM अरविंद केजरीवाल से जेल में मिलने की AAP सांसद संदीप पाठक की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप के राज्यसभा सांसद संदीप कुमार पाठक की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा. संदीप कुमार पाठक ने जेल अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी कि वे उन्हें तिहाड़ जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने की अनुमति दें. जेल प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जेल में मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन करते हैं और ज्यादातर राजनीति से प्रेरित हैं.

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने पाठक और तिहाड़ अधिकारियों के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया.

जेल अधिकारियों ने पाठक को अप्रैल में दो बार केजरीवाल से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन इस बार उन्हें यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन करते हैं और ज्यादातर राजनीति से प्रेरित हैं.

पाठक के वकील ने तर्क दिया है कि जेल में केजरीवाल से मिलने की अनुमति न देने का जेल अधिकारियों का फैसला मनमाना, अवैध और पूरी तरह से अनुचित था. पाठक की याचिका का विरोध करते हुए जेल अधिकारियों ने दलील दी है कि उन्होंने जानबूझकर जेल नियमों का उल्लंघन किया और केजरीवाल के साथ हुई बातचीत के बारे में मीडिया से बात की और जेल प्रशासन उनके पिछले आचरण को देखते हुए कैदी से शारीरिक ‘मुलाकात’ की सुविधा देने के पक्ष में नहीं है.

जेल प्रशासन के वकील ने कहा कि पाठक ने कहा है कि वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और वह राजनीति की बात करेंगे, जो जेल नियमों के खिलाफ है. केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

पाठक ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली जेल नियमों के नियम 587 का उल्लंघन नहीं किया है, जैसा कि अधिकारियों ने आरोप लगाया है. नियम 587 में कहा गया है कि कैदियों के साथ साक्षात्कार में बातचीत निजी और घरेलू मामलों तक ही सीमित होगी और जेल प्रशासन और अनुशासन और अन्य कैदियों या राजनीति का कोई संदर्भ नहीं होगा.

जेल अधिकारियों ने दावा किया कि पाठक ने केजरीवाल से मिलने के बाद कुछ बयान दिए हैं कि केजरीवाल सीएम हैं और सीएम बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर वे जेल के अंदर से सरकार चलाएंगे और अगले हफ्ते से सीएम हर हफ्ते दो मंत्रियों को जेल बुलाएंगे, वहां वे उनके विभागों की समीक्षा करेंगे और उन्हें दिशा-निर्देश और निर्देश देंगे.

24 अप्रैल को, मुलाकात से ठीक एक घंटे पहले, पाठक को जेल अधिकारियों से एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था संदीप कुमार पाठक के शारीरिक मुलाकात के अनुरोध पर विचार नहीं किया गया है क्योंकि उन्होंने जेल प्रशासन के खिलाफ बयान देकर मुलाक़ात सुविधा का दुरुपयोग किया है और अपने शारीरिक मुलाकात के बाद राजनीतिक बयान जारी किए हैं और ऐसा आचरण दिल्ली जेल नियम, 2018 के नियम 587 का उल्लंघन है और तदनुसार उनकी मुलाकात सुविधा प्रतिबंधित है.

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-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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