दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्रिकेटर युवराज सिंह के एनजीओ, युवराज सिंह फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. याचिका में संगठन ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण शीघ्र जारी करने की मांग की है. न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने इस मामले में केंद्र को नोटिस जारी कर आगामी 30 जनवरी को सुनवाई के लिए पेश होने का आदेश दिया.
युवराज सिंह फाउंडेशन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उसने 13 जनवरी, 2023 को FCRA नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया. इसके बाद, 4 मार्च, 2024 को अधिकारियों ने याचिका को खारिज कर दिया और एक गैर-स्पीकिंग आदेश पारित कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था. इसके बाद, 21 मार्च, 2024 को एनजीओ ने अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की, जो अभी भी लंबित है.
संगठन की स्थिति और विदेशी धन का उपयोग
युवराज सिंह फाउंडेशन ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि उन्हें सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े रोगियों और अन्य व्यक्तियों की मदद के लिए बैंक खातों में पड़े विदेशी धन को प्राप्त करने और उसका उपयोग करने में समस्याएँ आ रही हैं. संगठन ने यह भी बताया कि कई सहयोगी संस्थाएँ विदेशी धन को हस्तांतरित करने में असमर्थ हैं, जिसके कारण दाताओं पर धन वापस करने का दबाव बढ़ रहा है. एनजीओ का मुख्य उद्देश्य कैंसर मरीजों, खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के इलाज, शिक्षा, स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और मुफ्त जांचों के कार्यक्रमों के जरिए समाज की सेवा करना है.
FCRA प्रमाणपत्र के बिना सामाजिक कार्यों में प्रभावी योगदान में समस्या
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की कार्रवाई के कारण युवराज सिंह फाउंडेशन को अपने कार्यों में बाधा का सामना करना पड़ रहा है. संगठन ने FCRA प्रमाणपत्र जारी होने तक विदेशी धन प्राप्त करने और उसका उपयोग करने की मांग की है ताकि वे समाज में अपना योगदान दे सकें.
अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 जनवरी, 2024 को होगी.
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