दिल्ली पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान (Nadeem Khan) के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में FIR दर्ज की है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड होने के बाद पुलिस ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों में अशांति फैल रही है. नदीम 2020 से एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) के राष्ट्रीय सचिव हैं.
DCP (दक्षिणपूर्व) रवि कुमार सिंह ने पुष्टि की कि शनिवार को मामला दर्ज किया गया.
FIR के अनुसार, एक सब-इंस्पेक्टर (SI) गश्ती ड्यूटी पर थे, जब उसे गुप्त सूत्रों से सूचित किया गया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है और इससे हिंसा हो सकती है. मामले में शिकायत दर्ज करने वाले SI ने पाया कि वीडियो वायरल हो गया था.
एफआईआर के मुताबिक, यह पाया गया कि वीडियो को 21 नवंबर को ‘अकरम ऑफिशियल 50’ नाम के चैनल ने ‘मोदी सरकार में हिंदुस्तान के रिकॉर्ड’ शीर्षक के तहत यूट्यूब पर पोस्ट किया था. FIR में कहा गया है कि 2.50 मिनट के वीडियो में एक व्यक्ति को दिखाया गया है, जिसने एक प्रदर्शनी में एक स्टॉल लगाया था और कई डिस्प्ले बोर्ड के सामने खड़ा था. वह एक बैनर की ओर इशारा कर रहा था और ‘नदीम, अखलाक, रोहित वेमुला, पहलू खान’ और शाहीन बाग में 2020 CAA-NRC के विरोध और दिल्ली दंगों के बारे में बात कर रहा था, एक विशेष समुदाय को पीड़ितों के रूप में चित्रित कर रहा था और लोगों को भड़का रहा था,
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जांच करने पर पता चला कि वीडियो को एक्स पर किसी अन्य व्यक्ति ने अपलोड किया था. इस वीडियो की जांच करने पर, पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि प्रदर्शन स्टॉल APCR द्वारा लगाया गया था.
APCR के बारे में पूछताछ करने पर पुलिस ने बताया कि इसका पंजीकृत कार्यालय अबुल फजल एन्क्लेव 1, जामिया नगर में है और वीडियो में बोलने वाला व्यक्ति नदीम खान है. एफआईआर में कहा गया है, “नदीम ने वीडियो में यह बात कही है (यह जानते हुए भी) कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और सार्वजनिक मंच पर प्रदर्शनी आयोजित करना, संग्रहालय बनाना, प्रसिद्ध सार्वजनिक हस्तियों की तस्वीरें लगाना, आरोप लगाना और एक विशेष समुदाय को उत्पीड़ित के रूप में बताना लोगों को भड़का सकता है और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है.”
पुलिस ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 353 (2) और 61 के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने एक बयान में कहा कि वह इस बात से हैरान है कि दिल्ली पुलिस ट्विटर पर कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स के उकसावे पर नदीम को कैसे निशाना बना रही है. PUCL ने आरोप लगाया,
“शनिवार को शाम करीब 5 बजे दिल्ली के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी बेंगलुरु में नदीम के निजी आवास पर आए, जहां वह रह रहे थे और बिना किसी वारंट या नोटिस के उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया. शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक वे घर की पहली मंजिल के हॉल में बैठे रहे और नदीम को ‘अनौपचारिक हिरासत’ में मर्जी से उनके साथ दिल्ली आने के लिए मजबूर किया.”
वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
–भारत एक्सप्रेस
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