दिल्ली में रहने वाले 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना लागू करने की मांग वाली बीजेपी नेताओं की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 28 नवंबर को सुनवाई करेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि आपके हेल्थ मिनिस्टर और हेल्थ सेक्रेटरी आपस में बात नही करते है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा अस्पतालों में मशीन काम नही कर रही है, हम हर रोज यह देख रहे है, आपने हजारों करोड़ रुपये खर्च किया होगा, लेकिन बैलेंस नही कर पा रहे है.
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमको अभी तक याचिका की कॉपी नही मिली है, ब्यूरोक्रेसी सरकार को सहयोग नही कर रही है, हम पूरी तरह से हेल्पलेस है. बीजेपी नेताओं की ओर से दाखिल याचिका में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बुजुर्गों के लिए पांच लाख रुपये तक के निः शुल्क इलाज की योजना को दिल्ली में लागू कराने की मांग की गई है.
याचिका दाखिल करने वालों में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामबीर सिंह विधुड़ी, सांसद बांसुरी स्वराज, सांसद मनोज तिवारी और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता जैसे कई महत्वपूर्ण नाम शामिल है. ये नेता मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण स्वस्स्थ्य योजना का लाभ दिल्ली में भी समुचित रूप से बुजुर्गों को मिलना चाहिए.
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में दस्तावेज के नाम पर मरीजों को परेशान किया जाता है. समिति द्वारा मई में दी गई सिफारिश को दिल्ली सरकार लागू नहीं कर रही हैं. दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार पिछले 10 वर्षों में एक भी नया अस्पताल नही बना. इस दौरान कई अस्पतालों, प्रसव गृह व डिस्पेंसरी बंद कर दिए गए. अस्पतालों की संख्या 94 से कम होकर 92 रह गया है. प्रसव गृह की संख्या 265 से कम होकर 124 और नर्सिंग होम 1057 से कम होकर 1040 रह गए है.
-भारत एक्सप्रेस
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