राजधानी के स्कूलों में बम की अफवाह फैलने के बीच दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग (डीओई) ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने अपनी स्कूलों में सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतने की नीति अपनायी है.उसके अधिकारी बम की धमकी सहित आपदाओं से निपटने के दिशानिर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.
डीओई ने कोर्ट को यह जानकारी अपने 29 अप्रैल की स्थिति रिपोर्ट में दी है. उसने कहा कि उसने अपने संस्थानों को अपने सुरक्षा उपायों को बढाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. उसमें 16 अप्रैल का एहतियाती उपायों पर एक परिपत्र और बम धमकी के मामलों पर स्कूल प्राधिकारियों की भूमिका भी शामिल है. डीओई का यह जवाब स्कूलों में बम धमकियों को लेकर चिंता जताने वाली एक याचिका के जवाब में आया है. स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके अधिकारी इस तरह के बम खतरों सहित किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने संबंधी दिशानिर्देशों एवं परिपत्रों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बम की धमकी कानून और व्यवस्था का मुद्दा है और विशेष रूप से पुलिस और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित है. विभाग ने स्कूलों को बम की धमकियों से निपटने के मुद्दे पर 16 अप्रैल को एक विशिष्ट परिपत्र जारी किया है. साथ ही एहतियाती उपायों एवं स्कूल प्राधिकारियों की भूमिकाओं पर दिशानिर्देश जारी किए हैं. डीओई ने बताया कि उसने स्कूलों के छात्रों एवं कर्मचारियों के लिए सुरक्षा योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले महीने एक आपात बैठक बुलाई थी. वकील याचिकाकर्ता अर्पित भार्गव ने वर्ष 2023 में डीपीएस, मथुरा रोड में बम की अफवाह के मद्देनजर याचिका दाखिल की थी. इस मामले में सोमवार (6 मई) को सुनवाई होनी है.
-भारत एक्सप्रेस
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