देश

राशन घोटाले में बंगाल के मंत्री की बढ़ीं मुश्किलें, 13 नवंबर तक बढ़ी ईडी की हिरासत

ED PDA Scam: पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने  राज्य के मंत्री ज्योति प्रिया मलिक को 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. ज्योति प्रिया फिलहाल राज्य के वन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वे पहले खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय संभाल रहे थे. ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें यह पाया गया कि विभिन्न निजी व्यक्ति वैध लाइसेंस के बिना सब्सिडी वाले/सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) गेहूं के आटे/आटा के भंडारण और बिक्री में शामिल थे. अब मंत्री की कस्टडी को 13 नवंबर के लिए बढ़ा दिया गया है.

कोलकाता पुलिस की अन्य एफआईआर में, यह पाया गया कि राइस मिलर्स ने नकली किसानों के नाम पर बैंक खाते खोले थे और किसानों के लाभ के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को अपनी जेब में डाल लिया. जानकारी के मुताबिक कोलकाता की एक विशेष अदालत ने आज पश्चिम बंगाल के वन मंत्री और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को राज्य में करोड़ों रुपए के राशन वितरण मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए 13 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशाल तक भेज दिया है.

यह भी पढ़ें-Aligarh Name Change: अलीगढ़ को मिलेगा अपना पुराना नाम, नगर निगम ने पारित किया प्रस्‍ताव, जानिए क्‍या होगी नई पहचान

ईडी ने इससे पहले 14 अक्टूबर को व्यवसायी बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था, जिन पर आरोप है कि उन्होंने राशन वितरकों को आपूर्ति किए जाने वाले चावल और गेहूं को खुले बाजार में बेच दिया था. ईडी अधिकारियों ने कहा कि व्यवसायी बकीबुर रहमान के मल्लिक के साथ करीबी संबंध हैं. ईडी की जांच से पता चला कि परिवारों (पीएचएच), आरएसकेवाई और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थियों के लिए पीडीएस राशन का लगभग 30% खुले बाजार में भेज दिया गया था और इससे उत्पन्न भ्रष्टाचार की आय मिल मालिकों और पीडीएस वितरकों के बीच साझा की गई थी, जबकि एजेंसियों को किसानों से एमएसपी पर धान खरीदना आवश्यक था.

यह भी पढ़ें-Lok Sabha Election 2024: अखिलेश की नाराजगी का जयंत चौधरी ने किया समर्थन, कांग्रेस को दी ये बड़ी नसीहत

हालाँकि, मिल मालिकों ने कुछ सहकारी समितियों सहित अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और एमएसपी, जो धान किसानों के लिए था उसे अपनी जेब में डाल लिया. प्रमुख संदिग्धों में से एक ने अपराध स्वीकार कर लिया है कि लगभग विभिन्न चावल मिल मालिकों द्वारा प्रति क्विंटल 200 रुपये की कमाई की गई, जिसे सरकार द्वारा खरीदा जाना था.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express

Recent Posts

Rau’s Coaching case: फुटेज और सेटेलाइट इमेज सुरक्षित रखने की मांग, कोर्ट ने CBI को दिए ये निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी…

3 mins ago

Delhi Riots: हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या मामले में दो लोगों को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत

दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के दो आरोपी…

21 mins ago

डॉ. विभूति नारायण सिंह की 98वीं जयंती के मौके पर संस्कृति दिवस समारोह आयोजित, तमाम दिग्गज हस्तियों ने की शिरकत

समाज में उल्लेखनीय योगदान करने वाली 11 विशिष्ट विभूतियों को काशीराज डॉ विभूति नारायण सिंह…

46 mins ago

नहीं बढ़ेगी MCD पार्षदों को आवंटित होने वाली राशि, दिल्ली हाई कोर्ट से याचिकाकर्ता ने वापस ली याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) के पार्षदों को…

60 mins ago

Jharkhand Election से पहले CBI ने बढ़ाई हेमंत सोरेन की मुसीबत! CM के करीबी के 17 ठिकानों पर रेड में मिले 1 किलो सोना और 50 लाख

झारखंड के साहिबगंज में 1,250 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अवैध पत्थर उत्खनन से…

2 hours ago