electoral bonds case Megha Engineering: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है. सीबीआई ने कथित रिश्वत मामले में हैदराबाद के मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बता दें कि इस कंपनी ने 966 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा था जो कि चुनावी बॉन्ड का दूसरा सबसे बड़ी खरीदार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेघा इंजीनियरिंग ने जगदलपुर के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से जुड़े 174 करोड़ के बिल को मंजूर कराने के लिए कथित तौर पर 78 लाख रुपये रिश्वत दी. जानकारी रहे कि मेघा इंजीनियरिंग का नाम हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदरों में शामिल होने की वजह से सुर्खियों में था.
मेघा इंजीनियरिंग की सहयोगी कंपनी वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन की चुनावी बॉन्ड की राशि को भी शामिल कर लिया जाए तो दोनों ने कुल मिलाकर 1,186 रुपये के बॉन्ड खरीदे थे. चुनाव आयोग ने 21 मार्च को आंकड़ों की लिस्ट को जारी किया था. जिसमें मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी. इस कंपनी ने बीजेपी (BJP) को तकरीबन 586 करोड़ रुपये का दान दिया था.
बता दें कि सीबीआई ने NISP और NMDC लिमिटेड के जिन 8 अधिकारियों पर केस दर्ज किया है, उसमें प्रशांत दास (रिटायर्डएग्जिक्यूटिव डारेक्टर), डीके मोहंती (डायरेक्टर प्रोडक्शन), डीजीएम पीके भुइयां, डीएम नरेश बाबू, सीनियर मैनेजर सुब्रो बनर्जी, रिटायर्ड सीजेएम (फाइनेंस) एल कृष्ण मोहन, जनरल मैनेजर (फाइनेंस) के राजशेखर और सोमनाथ घोष (फाइनेंस मैनेजर) शामिल हैं.
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