उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक नामी अस्पताल की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण उनके मरीज की मौत हो गई. मामला सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल का है जहां शनिवार को भर्ती मरीज की मौत के बाद परिजनो ने डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगायाऔर जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने पहले मरीज की मौत होने की जानकारी छुपाई थी. फिर शव देने में आनाकानी की गई. हंगामे के दौरान अस्पताल प्रशासन और स्वजन के बीच काफी नोकझोंक भी हुई. हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने शव स्वजन को सौंप दिया. वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
मथुरा के 23 वर्षीय विकास गुप्ता महाराष्ट्र में आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) में केमिकल इंजीनियर थे. जितेंद्र परिवार के साथ न्यू अशोक नगर में रहते हैं. कुछ दिन पहले उनके 24 वर्षीय बेटे विकास को पैर में दर्द की शिकायत हुई थी. परिजनों ने उसे नोएडा के सेक्टर 62 स्तिथ फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवा दिया था. मगर करीब दस दिन होने के बाद आज अस्पताल ने विकास को मृत घोषित कर दिया. साथ ही आरोप है कि परिजनों के हाथ में 15 लाख का बिल सौंप दिया गया है.
इस पूरे मामले में परिजनो ने कहा कि दस दिनों से अस्पताल में उनके बेटे का इलाज कर रहा था. उनके बच्चे को सिर्फ पैर में दर्द की शिकायत थी. कल रात डॉक्टरों ने कहा था कि 3 लाख का इंजेक्शन लगेगा तो उसकी हालत में सुधार हो जाएगा., लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद उसकी हालत और अधिक खराब हो गई. आज अस्पताल कि ओर से जानकारी मिल रही है कि उसकी मौत हो गई और अब 15 लाख का बिल हमारे हाथों में थमा दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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