Manmohan Singh Passed Away: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को निधन हो गया. वो 92 साल के थे. उन्हें गुरुवार शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती कराया गया था. दो बार प्रधानमंत्री रहे और भारत के आर्थिक सुधारों के सूत्रधार रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर से शोक संवेदनाएं आ रही हैं. दुनिया के कई नेताओं ने उनके योगदान और अपने देशों के साथ उनके मधुर संबंधों पर प्रकाश डाला है.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं. ब्लिंकन ने उनके आर्थिक सुधारों को तो राष्ट्रपति दा सिल्वा ने आईबीएसए के निर्माण में उनकी भूमिका को याद किया.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता है. डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों द्वारा एक साथ मिलकर हासिल की गई अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी.’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़ा निवेश किया. स्वदेश में डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिसने भारत के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया. हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और अमेरिका व भारत को एक साथ लाने के लिए उनके समर्पण को हमेशा याद रखेंगे.’
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई (Hamid Karzai) ने डॉ. सिंह को ‘अफगानिस्तान के लोगों का अटूट सहयोगी और मित्र’ बताया. उन्होंने कहा, ‘भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है. डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे. मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले.’
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (Lula da Silva) ने गुरुवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और आईबीएसए (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) वार्ता मंच तथा ब्रिक्स समूह की स्थापना में उनके योगदान को याद किया.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, ‘मेरे मित्र भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर मेरी संवेदनाएं. 21वीं सदी के पहले दशक में हमने अपने देशों के बीच संबंध बढ़ाने और एक न्यायपूर्ण दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम किया. सिंह ने आईबीएसए के निर्माण – ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत को एक साथ लाने और ब्रिक्स की स्थापना में भाग लिया. 2012 में जब मैं राष्ट्रपति नहीं था, हम नई दिल्ली में मिले और विकास, गरीबी, भूख से निपटने और ग्लोबल साउथ में सहयोग के बारे में बहुत सारी बातें कीं. भारत के लोगों, परिवार, दोस्तों और मनमोहन सिंह के साथियों के प्रति मेरी सहानुभूति.’
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. मुझे उनके साथ काम करना हमेशा अच्छा लगता था और वे एक दयालु पिता की तरह थे। वे मालदीव के अच्छे मित्र थे.’
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने मनमोहन सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें ‘एक दूरदर्शी नेता और असाधारण राजनेता’ कहा. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करेगी.’
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने कहा, ‘पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुख हुआ. वह एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार थे, उनके योगदान ने भारत के लिए एक नए युग को आकार दिया. उनके परिवार, मित्रों और भारत के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.’
भारत में फिनलैंड के दूतावास ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘राजदूत किम्मो लाहदेविर्ता और नई दिल्ली में फिनलैंड के दूतावास भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. रेस्ट इन पीस.’ भारत में कोरियाई दूतावास ने लिखा, ‘हम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर बहुत दुखी हैं. हम इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं.’
मनमोहन सिंह भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में विख्यात थे. वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया, इसकी नीतियों का आधुनिकीकरण किया और राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया. उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी.
मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी.
-भारत एक्सप्रेस
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