उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को बचाया नहीं जा सका.आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली.उनकी उम्र 82 साल थी.वह एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे.उन्हें जीवन रक्षक दावाएं दी जा रहीं थीं .डॉक्टरों का एक पैनल उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहा था. सुबह 8.16 पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पिछले रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई.
मुलायम सिंह यादव सियासी अखाड़े के एक मजे हुए पहलवान थे.उन्होंने लंबी सियासी पारी खेली और तीन बार सूबे के चीफ मिनिस्टर रहे.वह केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहे.उन्हें बेहद सटीक राजनीतिक फैसलों के लिए जाना जाता था.राजनीति में मतभेदों की बात अगर छोड़ दें तो उनके सभी राजनेताओं से अच्छे संबंध थे,यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी से भी वह काफी जुड़े हुए थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुलायम सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
गौरतलब है कि 22 अगस्त को उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था. मुलायम सिंह को एक अक्तूबर की रात को आइसीयू में शिफ्ट किया गया था. मुलायम सिंह यादव का मेदांता के एक डॉक्टरों का पैनल इलाज कर रहा था.उनकी किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत थी.वह वेंटीलेटर पर थे.उनके इंतकाल से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बेहद शोकाकुल हैं.सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ ही हैं.
–भारत एक्सप्रेस
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