Srinagar: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में आयोजित जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (टीडब्ल्यूजी) की बैठक से राज्य में पर्यटन और अन्य विकास से जुड़ी योजनााओं को बल मिलेगा. G20 के लिए आए विदेशी प्रतिनिधियों ने यहां आयोजित बैठकों और सत्रों में भाग लिया. G20 को लेकर राज्य में भारी उत्साह देखा गया. यहां के निवासियों का कहना है कि इससे राज्य के पर्यटन के प्रति अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोगों के बीच सकारात्मक संदेश पहुंचेगा.
बार-बार हों ऐसे कार्यक्रम
श्रीनगर में जी20 बैठक के बारे में बात करते हुए, राज्य के गांदरबल के एक निवासी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कार्यक्रम बार-बार हों और लोग यहां अक्सर आएं. विदेशी पर्यटक आएंगे और इससे यहां की बेरोजगारी खत्म होगी. अब पूरा देश जानता है कि कश्मीरी अच्छे मेजबान होते हैं और हमने प्रतिनिधियों का खुले दिल से स्वागत किया.”
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लिया भाग
कश्मीरियों ने जी20 बैठकों का स्वागत किया, जिससे कश्मीर में पर्यटन और व्यापार क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. प्रतिनिधियों का श्रीनगर में विभिन्न प्रसिद्ध स्थानों का दौरा भी किया. जी20 की इस बैठक में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, डॉ जितेंद्र सिंह और जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने सत्र में भाग लिया.
बैठक को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा, “पर्यटन मंत्रालय और भारत सरकार सभी G20 सदस्य देशों और सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों और ग्रह को लाभ पहुंचाने वाली स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा सके.”
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पीएम मोदी का नेतृत्व और श्रीनगर का आम आदमी
इस बीच, सिंह ने कहा कि श्रीनगर में शिल्प कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला है और दुनिया में सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. जहां तक अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और समाज के प्रति दायित्व का संबंध है, भारत वैश्विक जिम्मेदारी साझा करने के लिए तैयार है. युवा अत्यधिक जानकार हैं और वे भारत के प्रधान मंत्री द्वारा पेश किए गए विशाल अवसरों को देख सकते हैं. श्रीनगर का आम आदमी पीएम मोदी के नेतृत्व वाली वैश्विक यात्रा का हिस्सा बनना चाहता है.
सत्र में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से ज्ञान, विवेक और लुभावने परिदृश्य का केंद्र रहा है. 30 वर्षों तक शांति की इस भूमि को पड़ोसी देश द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होना पड़ा. हालांकि, पीएम मोदी राज्य को सशक्त बनाने वाली विकास योजनाएं लाए. जेके अब एक नए युग के लिए खुला है जो विकास, शांति और विकास के लिए खुला है. आज जेके देश के विकसित राज्यों में से एक है.
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