G20 नेताओं की घोषणा पत्र में “यूक्रेन में शांति” का आह्वान किया गया है. वहीं, सदस्य देशों को “क्षेत्र अधिग्रहण के लिए बल के उपयोग के खतरे से बचने” का आग्रह किया गया है. घोषणा में इस बात पर भी जोर दिया गया कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या उपयोग की धमकी “अस्वीकार्य” होगी. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन चल रहा है, जिसमें दुनियाभर के बड़े लीडरों ने शिरकत की है. पीएम मोदी की अगुवाई में पहली बार लीडर्स घोषणा पत्र को पेश किया गया था, जिसे सभी सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया.
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक खुशखबरी मिली है कि हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से जी 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है. मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए. मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं.”
बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि साथ मिलकर हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है. वहीं भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने घोषणा को ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक बताया. उन्होंने कहा, “सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100% आम सहमति थी. रूस-यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि को देखते हुए भू-राजनीति का संदर्भ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. नए भू-राजनीतिक पैरा आज की दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आह्वान है. आइये जानते हैं कि घोषणा पत्र में क्या है खास:
-भारत एक्सप्रेस
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