देश

कांग्रेस को बेनकाब और पूरी तरह ध्वस्त नहीं करना चाहता- फिर बरसे गुलाम नबी आजाद, PM मोदी की तारीफों के बांधे पुल

Ghulam Nabi Azad: पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पुरानी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल उठाया है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजादी पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस को बेनकाब कर पूरी तरह ध्वस्त नहीं करना चाहते हैं. आजाद ने कहा कि नेतृत्व से मेरे कुछ मतभेद हो सकते हैं, कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा से मेरे कोई मतभेद नहीं हैं.

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, “बेशक मैंने अपनी किताब में जिक्र किया है कि नेहरू के समय में क्या गलत हुआ था, इंदिरा गांधी के समय में क्या गलत हुआ था, राजीव के समय में क्या गलत हुआ था, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का जनता पर कोई प्रभाव नहीं है.

वहीं राज्यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई तारीफ पर कांग्रेस के कुछ नेताओं की तरफ से की गई आलोचना को लेकर पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पलटवार करते हुए कहा कि इन लोगों की ‘गंदी सोच’ है और इन्हें ‘‘राजनीति का ‘क ख ग’ सीखने के लिए किंडरगार्टन’’ वापस जाना होगा.

पीएम मोदी के साथ अपने संबंधों पर खुलकर की बात

गुलाब नबी आजाद ने कहा कि जो लोग विदाई भाषणों और नियमित भाषण में अंतर नहीं कर सकते, उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल उठता है. आजाद ने कहा कि ऐसे लोगों को राजनीति की अपनी बुनियादी समझ को टटोलते रहना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी किताब ‘आजाद-एन ऑटोबायोग्राफी’ के विमोचन की पूर्वसंध्या पर दिये इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनके अच्छे संबंध तब से हैं जब मोदी भाजपा के महासचिव थे. राज्यसभा से 15 फरवरी, 2021 को सेवानिवृत्त हुए आजाद ने कहा कि उच्च सदन से उनकी विदाई के समय 20 वक्ताओं ने भाषण दिया था और उनमें प्रधानमंत्री भी थे.

ये भी पढ़ें: सीबीएसई और यूपी बोर्ड के सिलेबस में बदलाव पर घमासान, अखिलेश यादव बोले- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की रचना हटाया जाना आपत्तिजनक, बीजेपी से मांगा जवाब

‘भाजपा के एजेंट’ वाली टिप्पणी को अपमानजनक करार देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इसका मतलब है कि कुछ लोगों की सोच गंदी है. गंदे दिमाग वाले लोग ही ऐसी बातें कर सकते हैं. पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में मैंने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व के मुद्दों को उठाने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और सदन में हर बार प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी नेताओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज के खिलाफ मेरे कड़े शब्दों पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी. मैंने पाया कि वह एक श्रेष्ठ श्रोता हैं जिनमें आलोचना सहन करने की क्षमता है.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

Recent Posts

दिल्ली हाई कोर्ट ने Saket Gokhale को मानहानि मामले में जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को लक्ष्मी पूरी की याचिका…

54 mins ago

उत्तराखंड जोशीमठ-नीती हाइवे पर बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू

यहां हर वर्ष दिसंबर से अप्रैल तक भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होते…

1 hour ago

Madhya Pradesh: सौरभ शर्मा मामले में ED की हुई एंट्री, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज, DRI भी जांच में जुटी

भोपाल के मिंडोरा इलाके में एक लावारिस कार में बड़ी मात्रा में नकद और कीमती…

2 hours ago

सीएम योगी आदित्यनाथ ने चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर किसानों को किया सम्मानित

Chaudhary Charan Singh Birth Anniversary: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की…

2 hours ago

Delhi HC 24 दिसंबर को बीजेपी की याचिका पर करेगा सुनवाई, CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने की मांग

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट…

3 hours ago

पीएम मोदी ने 71 हजार युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, बोले- भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाषा एक समय हाशिए पर रहने वाले समुदायों के…

3 hours ago