दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने AAP विधायकों के साथ बैठक की. जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान विधायकों ने एक सुर में कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को नई शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो सरकार जेल से चलेगी. सीएम अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे. विधायकों ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे लोग दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी को हटाना चाहते हैं. उन्हें केजरीवाल का डर सता रहा है. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अलग-अलग गिरफ्तारी के जरिए सीएम केजरीवाल पर दबाव बनाया जा रहा है. जिससे वह इस्तीफा दे दें, लेकिन सभी विधायकों ने मन बना लिया है कि चाहे पुलिस कस्टडी से चले या फिर जेल से. दिल्ली की सत्ता अरविंद केजरीवाल ही चलाएंगे. AAP को उन्हीं के नाम पर वोट मिला है.
सौरभ भारद्वाज ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि “सविंधान में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है कि एक मौजूदा मुख्यमंत्री को ट्रायल के नाम पर जेल में डालने की कोशिश की जाए और उससे इस्तीफा लिया जाए. इसलिए बैठक में सभी विधायकों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे. दिल्ली के अधिकारी जेल में ही जाएंगे और कैबिनेट भी वहीं से चलेगी. विधायकों ने ये भी अंदेशा जताया कि जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उससे हो सकता है कि हम सब जेल ही चलें जाएं. अगर ऐसा होता है तो वहीं से सरकार चलेगी.
वहीं शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम जनता के बीच जब जा रहे हैं तो उनका भी कहना है कि AAP और अरविंद केजरीवाल के साथ ज्यादती हो रही है. इसलिए सभी विधायकों ने सीएम से निवेदन किया है कि वे भले ही जेल चले जाएं, लेकिन सीएम की कुर्सी पर वही रहेंगे. दिल्ली वालों ने उन्हें सीएम चुना है. इसके लिए आम आदमी पार्टी कोर्ट जाएगी. अदालत से इजाजत लेंगे कि जेल से ही कैबिनेट मीटिंग हो. इसके लिए पार्षदों और पंजाब के विधायकों से भी चर्चा की जाएगी.
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गौरतलब है कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अब तक AAP के दो नेताओं को ईडी ने गिरफ्तार किया है. जिसमें दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हैं. दोनों नेताओं पर आरोप है कि इन लोगों ने नई शराब नीति बनाने और उसको लागू करने में हुए घोटाले में शामिल रहे हैं. व्यापारियों से रिश्वत लेकर नई शराब नीति के नियमों में खेल किया गया.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ईडी ने फरवरी में गिरफ्तार किया था. उसी के बाद से सिसोदिया जेल में हैं. मनीष सिसोदिया अपनी जमानत को लेकर दो बार अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन दोनों बार कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर डबल बेंच ने अपना फैसला सुनाया था. जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था. हालांकि कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिए थे कि मनीष सिसोदिया से जुड़े मामले को 6-8 महीने में खत्म करे. अगर ऐसा नहीं होता है तो सिसोदिया को 3 महीने बाद दोबारा जमानत याचिका दायर करने का हक है.
दूसरी तरफ ईडी ने इसी शराब घोटाला मामले में आप सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया था. ईडी को संजय सिंह से जुड़े तीन नामों के बारे में पता चला था. इसमें सर्वेश मिश्रा और विवेक त्यागी के अलावा तीसरा शख्स वो है जिसने डिलीवरी मैन बनकर संजय सिंह के घर पर कैश को सर्वेश तक पहुंचाया था. ईडी का मानना है शराब नीति की ड्राफ्टिंग में संजय सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई थी. फिलहाल संजय सिंह जेल में बंद हैं.
दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की तरफ से जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें दिनेश अरोड़ा को मुख्य आरोपी बताया गया है, लेकिन अब दिनेश सरकारी गवाह बन चुका है. उसने बताया है कि संजय सिंह के कहने पर उसने आम आदमी पार्टी के लिए फंड इकट्ठा किया था. जिसे चेक के जरिए मनीष सिसोदिया को दिया था. ईडी का दावा है कि शराब नीति के जरिए कुछ व्यापारियों को फंड के बदले फायदा पहुंचाने की कोशिश हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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