सुप्रीम कोर्ट: संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज बहुत केस लगा है.समय का आभाव है.इसलिए आज सुनवाई संभव नही है.इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका सुनवाई जुलाई में करेगा. यह याचिका बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और बलराम सिंह की ओर से दायर की गई है.
याचिका में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है. कहा गया है कि प्रस्तावना में इन शब्दों को जोड़ना संसद को अनुच्छेद 368 के तहत मिली संविधान संशोधन की शक्ति से परे है.
-भारत एक्सप्रेस
भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…
वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…
ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…
लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्ट ऑफ…