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संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई अब जुलाई में

याचिका में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट: संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज बहुत केस लगा है.समय का आभाव है.इसलिए आज सुनवाई संभव नही है.इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका सुनवाई जुलाई में करेगा. यह याचिका बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और बलराम सिंह की ओर से दायर की गई है.

याचिका में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है. कहा गया है कि प्रस्तावना में इन शब्दों को जोड़ना संसद को अनुच्छेद 368 के तहत मिली संविधान संशोधन की शक्ति से परे है.

-भारत एक्सप्रेस

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