Primary Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के प्राथमिक स्कूलों (Primary School) में सहायक शिक्षकों के पद पर पांच साल बाद नौकरी पाने की उम्मीद एक बार फिर से 5948 अभ्यर्थियों के मन में जग गई है. दरअसल 12460 सहायक शिक्षकों के शून्य जनपद विवाद के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच में लगातार सुनवाई हो रही है. खबर सामने आ रही है कि इस मामले में कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है और अब आदेश आने का इंतजार कर रहे 5948 अभ्यर्थी मान कर चल रहे हैं कि उनके बेरोजगारी पांच साल बाद खत्म होगी और नौकरी मिलेगी.
बता दें कि 15 दिसम्बर 2016 को 12460 शिक्षकों की भर्ती को लेकर विज्ञापन निकाला गया था. इस विज्ञापन में प्रदेश के 75 जिलों में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था. विज्ञापन के मुताबिक, इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों के किसी भी एक अन्य जिले में आवेदन करने की छूट दी गई थी. इस मामले में 16 मार्च 2017 को पहली काउंसिलिंग हुई थी, लेकिन इसी बीच सरकार बदल गई और फिर इस विज्ञापन के मामले में नई सरकार ने समीक्षा करने के नाम पर 23 मार्च 2017 को भर्ती प्रक्रिया में रोक लगा दी. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस भर्ती प्रक्रिया पर नए सिरे से निर्णय लिया और 16 अप्रैल 2018 को भर्ती शुरू करने की अनुमति दी.
सीएम के आदेश के बाद सभी चयनित अभ्यर्थियों की फिर से 23 अप्रैल 2018 को काउंसिलिंग कराई गई, लेकिन हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल 2018 को 24 शून्य जिलों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने से रोक दिया. तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक मई 2018 को 51 जिले के करीब 6512 अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र दे दिया और 5948 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति फंस गई, लेकिन अब पांच साल बाद जो खबर सामने आ रही है, उसको लेकर अभ्यर्थियों में उत्साह है और सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे अभ्यर्थी अपनी बेरोजगारी (Unemployment) खत्म होने की राह देख रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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