Himachal Pradesh Results: हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल कर ली है. कांग्रेस की जीत के साथ ही हिमाचल की जनता ने अपने पुराने रिवाज को अपनाया है. करीब तीन दशक से हिमाचल की जनता अपने यहां सरकार को बदलती है. हिमाचल की बात करें तो बीजेपी ने चुनाव प्रचार में यहां कोई कमी नहीं छोड़ी थी. बीजेपी के तरफ से पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कई राज्यों के सीएम और कई केंद्रीय मंत्रियों ने प्रचार किया था उसके बाद भी यहां बीजेपी की करारी हार हो गई.
इतने बड़े चुनाव प्रचार के बाद भी बीजेपी कैसे चुनाव हार गई वो जानने की कोशिश करते है. इसके साथ ही कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल कैसे की. उसके पीछे कांग्रेस की क्या रणनीति काम आई. हिमाचल में चुनाव क्या जमीनी मुद्दों पर ही लड़ा गया. जिसका फायदा कांग्रेस को हुआ और उसने बड़ी जीत हासिल कर ली है. इसके अलावा बीजेपी की हार की बड़ी वजह में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के जिले हमीरपुर में हार को भी माना जाना जा रहा है. बीजेपी यहां अपनी एक भी सीट नहीं बचा सकी.
राज्य में पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से हर पांच साल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सरकार बदलती रहती है. लेकिन बीजेपी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को सबसे बड़ा झटका लगा. कांग्रेस ने यहां उनके गढ़ में 5 में से 4 विधानसभा सीट को अपने नाम किया है. बता दें कि हमीरपुर सीट पर अनुराग ठाकुर का दबदबा माना जाता है और उनके पिता प्रेम कुमार धूमल 2 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं.
लेकिन उनको इस बार टिकट नहीं दिया गया था. 2017 के चुनावों में हमीरपुर के सुजानपुर से धूमल की हार के बाद भी उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया था. अनुराग ठाकुर ने चुनाव के लिए हिमाचल में काफी समय बिताया था. इस दौरान उन्होंने हमीरपुर जिले में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. उसके बाद भी उनकी यहां करारी हार झेलनी पड़ी.
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हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना एक बड़ा मुद्दा था. कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सबसे पहले इसी को रखा था. जो कांग्रेस पार्टी के सबसे ज्यादा काम आया. खबरों के मुताबिक बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र के जारी होने से ठीक पहले ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ एक साक्षात्कार में, प्रेम कुमार धूमल ने कहा था कि उन्होंने पार्टी को सुझाव दिया था कि उसे कम से कम चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) की वापसी की घोषणा करनी चाहिए.
लेकिन बीजेपी ने इसको माना नहीं. वहीं कांग्रेस ने इसको प्रमुखता से मुद्दा बनया था. वहीं हिमाचल में पुरानी पेंशन के अलावा अग्निवीर के तहत के भर्ती होना भी बड़ा मुद्दा था. जिसका कांग्रेस को फायदा हुआ.
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