Aviation Security Control Center: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राजधानी दिल्ली में महिपालपुर स्थित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) परिसर के विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) का उद्घाटन किया. इस दौरान वहां CISF के महानिदेशक शीलवर्धन सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान CISF बलों की सराहना भी की.
गौरतलब है कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) आज देशभर के 134 परिचालन हवाई अड्डों में से 66 हवाई अड्डों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रहा है. जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर आदि जैसे देश के सबसे व्यस्तम और अतिसंवेदनशील हवाई अड्डे शामिल हैं. भाजपा सरकार का दावा है कि अमित शाह की अगुवाई में इस बल के जवानों ने पिछले कुछ वर्षों में ऑपरेशनल ऑरिएनटेशन द्वारा विमानन सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है.
सरकार ने विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र की स्थापना कई वजहों से कराई है. सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) के चार प्रमुख घटक- संचार एवं नियंत्रण केंद्र, घटना प्रबंधन केंद्र, विमानन अनुसंधान केंद्र और डेटा सेंटर हैं. सरकार के एक बयान में कहा गया, कि विमानन क्षेत्र सर्वाधिक गतिशील, सार्वजनिक रूप से दृश्यमान और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है. विमानन क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही CISF ने प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की है.
आज से शुरू किए गए विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) के चार अंग हैं-
इसके जरिए हवाईअड्डों पर बम की धमकी वाली कॉल, वीवीआईपी मूवमेंट, और अन्य प्रमुख घटनाओं और प्री-एमबार्केशन सिक्योरिटी चेक में लगने वाले समय आदि की 24x7x365 रियल टाइम निगरानी की जाएगी.
– सभी हवाईअड्डा इकाइयों, बल मुख्यालय/एपीएस मुख्यालय/सेक्टर/जोनल मुख्यालय और बाहरी एजेंसियों व स्टेकहॉलर्डस के साथ संचार, समन्वय और सहयोग के लिए दोतरफा संचार की व्यवस्था है.
2. घटना प्रबंधन केंद्र:
हवाई अड्डों से संबंधित तकनीकी उपकरण, जनशक्ति, आकस्मिक योजना, भौगोलिक सूचना प्रणाली और फ़्लोर प्लान व सैंड मॉडल संबंधित प्रासंगिक जानकारी प्राप्त होगी, जो किसी भी आकस्मिक स्थिति में तत्काल निर्णय लेने में मदद करेगी.
3. विमानन अनुसंधान केंद्र:
यहां नई तकनीकों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाएगा.
– साथ ही यहां पर उपकरणों के इस्तेमाल और दक्षता का अध्ययन करना
– विभिन्न हवाई अड्डों में स्थापित बेहतरीन अभ्यास का अध्ययन करना
डेटा एवं रुझान विश्लेषण:
– हवाई अड्डों पर होने वाली घटनाओं का विश्लेषण
– प्रस्थान द्वारों और एसएचए पर भीड़ का विश्लेषण
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट:
– डेटाबेस को अपडेट एवं सुरक्षित रखना
– सॉफ्टवेयर डेवलेप और परीक्षण करना
– सीआईएसएफ कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना
4. डेटा सेंटर:
यह तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इसकी विशेषताएं:-
– 300 टेरा बाईट स्टोरेज कैपेसिटी
– एप्लिकेशन होस्टिंग और डेटाबेस के लिए सर्वर
– एमटीएनएल से 50 एमबीपीएस लीज लाइन
– VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के माध्यम से हवाई अड्डों की डेटा सुरक्षा
– हवाई अड्डों, जोन, सेक्टरों और मुख्यालयों के लिए 110 इंटरकॉम टेलीफोन कनेक्शन की क्षमता वाला IP-पीबीएक्स
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सभी 66 एयरपोर्ट अब वीपीएन (Virtual Private Network) और आईपी (Internet Protocol) टेलीफोनिक सिस्टम के माध्यम से जुड़े हुए हैं और किसी भी आकस्मिक घटना के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जानकारी को तत्काल ही प्राप्त किया जा सकता है. यह नई सुविधा एएससीसी, विमानन सुरक्षा के क्षेत्र में और बल की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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