देश

जगदीप धनखड़ के विरूद्ध क्यों गोलबंद हुआ विपक्ष?

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे टकराव के बीच विपक्ष की तरफ से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले ही दावा किया गया था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी संख्या उनके पास है. विपक्षी के इस अविश्वास प्रस्ताव पर 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है.

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘राज्यसभा के माननीय सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण INDIA गठबंधन के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. INDIA की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है.’

उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया


– उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए किसी भी सदन (राज्यसभा या लोकसभा) के सदस्यों का कम से कम 14 दिन का लिखित नोटिस देना अनिवार्य है.
– इस नोटिस में उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए स्पष्ट कारण होने चाहिए.
– इस प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान संसद के दोनों सदनों में किया जाता है.
– प्रस्ताव पास होने के लिए दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.
– इस दौरान उपराष्ट्रपति को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाता है.
– अगर प्रस्ताव दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटा दिया जाता है.

पक्षपाती व्यवहार का आरोप


– विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन में सभापति के कथित पक्षपाती व्यवहार को लेकर किया.
– कांग्रेस तथा टीएमसी के राज्यसभा के सांसदों ने कहा कि जगदीप धनखड़ सदन को सत्तापक्ष का औजार बना रहे हैं.
– उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने देना तो दूर उनकी बातों को भी रिकॉर्ड से बाहर कर दे रहे हैं.
– विपक्ष की तरफ से लगातार सभापति पर पक्षपात के आरोप लगाए जाते रहे हैं.

विपक्ष ने क्या कहा

विपक्ष का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस किसी एक व्यक्ति जगदीप धनखड़ के खिलाफ नहीं है, यह एक संस्था के खिलाफ है. विपक्ष का कहना है कि सत्र के दौरान विपक्ष को अपनी बात कहने का मौका बार-बार राज्यसभा के अध्यक्ष ने नहीं दिया है और इस अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के जरिये वह यह संदेश देना चाहते हैं कि सांसदों के अधिकार का भी सम्मान होना चाहिए.

मंगलवार को क्या हुआ

मंगलवार को राज्यसभा में सोरोस मुद्दे पर हंगामे के कारण दिनभर के लिए स्थगित हो गई. सुबह 11 बजे बैठक आरंभ होने पर सदन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्य महुआ माझी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के निधन का उल्लेख किया और उनके योगदान को याद किया. सदस्यों ने कुछ देर मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. सोरोस मुद्दे पर हंगामे के कारण सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 11 दिसंबर को 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.

-भारत एक्सप्रेस

रजनीकांत सिंह, एक्जिक्यूटिव एडिटर

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