India China Border Dispute: एशिया का सबसे बड़ा देश चीन (China) भारत (India) के साथ सीमा-विवाद सुलझाने को लेकर गंभीर नहीं है. चीनी सेनाएं पिछले कुछ वर्षों में कई दफा सीमा पर अतिक्रमण की कोशिश कर चुकी हैं. 2020 की शुरूआत में चीन ने अपने हजारों सैनिकों को भारी हथियारों के साथ पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा के निकट भेजा, जिसके बाद गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. दोनों देशों के कई जवानों की जानें गईं. हालांकि, उसके बाद भी तनाव कम करने की भारत की कोशिशों को चीन ने उतना महत्व नहीं दिया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए आज भारत और चीन की सेनाओं ने DBO और चुशूल में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की. दोनों स्थानों पर भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि ”डेपसांग प्लेन्स और CNN जंक्शन पर मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत हुई”. हालांकि, चीनी सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस नहीं जा रहे. सैनिकों की वापसी को लेकर भारत और चीन के बीच अब तक एक दर्जन से अधिक बार वार्ता हो चुकी है.
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चीन के साथ जारी सैन्य बातचीत पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने 15 अगस्त को कहा था कि दोनों पक्षों के बीच एलएसी पर मुद्दों के समाधान को लेकर गहन चर्चा हुई है. भारतीय पक्ष की ओर से चीन पक्ष को पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को कम करने को कहा गया. चीनी पक्ष ने भी कहा कि वे आपसी मुद्दों को हल करने पर सहमत हुए हैं. हालांकि, अभी तक दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कई बिंदुओं पर तीन साल से ज्यादा समय से आमने-सामने हैं.
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