IPS वृंदा शुक्ला के छापे के बाद MLA अब्बास की पत्नी निकहत अरेस्ट
UP News. आईपीएस अधिकारी वृंदा शुक्ला (IPS Vrinda Shukla) रातो-रात पूरे प्रदेश में एक जाना-माना नाम हो चुकी हैं. बाहुबली मुख्तार अंसारी की बहू को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के बाद उसके बेटे अब्बास अंसारी के कई राज खोलने के मामले ने उनको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. लोग उनके बुलंद हौसलों की जमकर तारीफ कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले की पुलिस कप्तान का नाम वृंदा शुक्ला है. भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की इस महिला अफसर ने कल ही बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार पर कार्रवाई की थी. इसके बाद ही वह सुर्खियों में आ गई हैं. मुख्तार की बहू को गिरफ्तार करने के बाद उसके पास से बरामद किए गए मोबाइल से सामने आया है कि वह अपनी पत्नी के मोबाइल से फोन कर साक्ष्यों को मिटाने के लिए अधिकारियों को धमकाता था.
मालूम हो कि 11 फरवरी को सुबह ही विधायक अब्बास अंसारी के मिलने के लिए उसकी पत्नी निकहत बानो पहुंची थी और डिप्टी जेलर के कमरे में अकेले में मुलाकात कर रही थी. इस दौरान उसके पास जो पर्स था, उसमें दो मोबाइल फोन के साथ ही सउदी अरब की मुद्रा रियाल व अन्य आपत्तिजनक सामान भी थे. बताया जा रहा है कि निकहत नियमों के खिलाफ जाकर जेलर के कमरे में अपने पति से रोजाना मुलाकात करती थी. इसकी भनक लगते ही वृंदा शुक्ला 11 फरवरी को जेल में छापा मार दिया और फिर रंगे हाथ निकहत को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में जेल अधीक्षक सहित 8 जेल कर्मी सस्पेंड हुए हैं. बता दें कि छापे की किसी को भनक न लगे, इसलिए उन्होंने प्राइवेट गाड़ी और सादी वर्दी का इस्तेमाल किया था.
इस मामले में एसपी वृंदा शुक्ला ने मीडिया को जानकारी दी कि, ”जेल में पिछले कुछ दिनों से अनाधिकृत गतिविधियां चल रही थीं. बाहर के लोग बंदियों से अनाधिकृत रूप से मिल रहे थे. इसी सूचना के आधार पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के साथ मैंने जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया और जेल में सभी संवेदनशील बैरकों को की तलाशी ली गई. जहां पाया गया कि अब्बास अंसारी अपनी बैरक में मौजूद नहीं हैं. कारागार के कर्मचारियों से पूछताछ करने पर पता लगा कि अब्बास को प्राइवेट मुलाकात करने की अनुमति दी गई है. कारागार कार्यालय के एक कमरे में उनकी पत्नी से मुलाकात कराई जाती है. वहीं, अब्बास और उनकी पत्नी की मुलाकात का विवरण रजिस्टर में दर्ज नहीं किया जाता है. इसी क्रम में जब उस कमरे में जाकर देखा गया तो उनकी (अब्बास अंसारी) की पत्नी निकहत मौजूद मिलीं और उनके पास से मोबाइल फोन बरामद हुए. जो कि कारागार के नियमों के विरुद्ध है. इसी आधार पर हमने गृह और कारागार विभाग को एक संयुक्त रिपोर्ट भेजी. अब इस मामले में स्वतंत्र जांच कराई जा रही है. साथ ही इसी मामले में सुसंगत धाराओं के तहत अब्बास अंसारी से मिलने वाले व्यक्तियों समेत जेल कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
बता दें कि किसी जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक (SP) वृंदा शुक्ला की यह पहली तैनाती है. वह आम लोगों से बातचीत में खासी सहज और मिलनसार हैं. जबकि अपराधियों के प्रति वह कहीं ज्यादा सख्त हैं. धाराप्रवाह अंग्रेजी और हिंदी में बातचीत करने वाली वृंदा का लहजा पीड़ितों के लिए जितना नरम है, बदमाशों के लिए उतना की कड़क है. IPS वृंदा शुक्ला अपनी ड्यूटी से इतर महिलाओं, बच्चों और पीड़ित-शोषितों के न्याय के लिए भी सक्रिय रहती हैं.
अमेरिका से हुई पढ़ाई-लिखाई
वृंदा शुक्ला ने अपनी स्कूली पढ़ाई हरियाणा के कार्मल कॉन्वेंट और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पूरी की है. फिर हायर एजुकेशन के लिए उन्होंने पुणे के महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया का रुख किया. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वृंदा अमेरिका की ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी चली गईं. यूएस के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से भी उन्होंने डिग्री हासिल की.
वृंदा पति भी हैं IPS
आईपीएस अधिकारी वृंदा शुक्ला के पति अंकुर अग्रवाल भी यूपी के चंदौली जिले के मौजूदा पुलिस कप्तान हैं. अंकुर और वृंदा की स्कूली पढ़ाई लिखाई साथ-साथ ही हुई थी. हरियाणा के अंबाला में दोनों पड़ोसी भी थे. बाद में इस कपल ने प्राइवेट नौकरी भी की. दोनों ने अमेरिका में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने के दौरान ही भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बनने की तैयारी की थी. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास करने के बाद साल 2014 में वृंदा शुक्ला और फिर 2016 में अंकुर अग्रवाल भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गए. वृंदा को नगालैंड कैडर मिला, जबकि उनके पति अंकुर अग्रवाल को बिहार आईपीएस कैडर हासिल हो गया.
IPS अफसर बनने के बाद किया विवाह
वृंदा शुक्ला और अंकुर अग्रवाल ने आईपीएस अफसर बनने के बाद अपनी बचपन की मोहब्बत को रिश्ते में बदलने का निर्णय लिया और दोनों ने शादी कर ली. 9 फरवरी 2019 को दोनों ने विवाह किया था. इसी के साथ ये भी जानकारी सामने आई है कि गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशालय में तैनात वृंदा को नोएडा में पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) यानी डीसीपी बनाकर भेजा गया था, जबकि उनके पति अंकुर अग्रवाल वहां अपर पुलिस उपायुक्त या एडिश्नल डीसीपी थे. मतलब कि डीसीपी वृंदा अपने पति की बॉस थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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