विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ सभा से इतर यूएई के अपने समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की. जयशंकर ने ट्विटर पर कहा, “फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स के मौके पर संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री एबी जायद से मिलकर खुशी हुई. हमारी नियमित बैठकें और निरंतर बातचीत हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे ले जाने में मददगार हैं. वैश्विक स्तर पर उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण से हमेशा लाभान्वित होते रहे हैं.
इससे पहले विदेश मंत्री ने केप टाउन में फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया. विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “ब्रिक्स अब एक ‘विकल्प’ नहीं है, यह वैश्विक परिदृश्य की एक स्थापित विशेषता है.” उन्होंने लिखा, “सुधार का संदेश जो ब्रिक्स का प्रतीक है, बहुपक्षवाद की दुनिया में व्याप्त होना चाहिए. ब्रिक्स के मित्र यूएनएससी सुधार का पुरजोर समर्थन करते हैं.”
ब्रिक्स सदस्यों को लेकर जयशंकर ने कही यह बात
विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स न केवल बहु-ध्रुवीयता की अभिव्यक्ति है बल्कि अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने के कई विविध तरीकों का भी प्रतिनिधित्व करता है. जयशंकर ने ट्वीट किया, ब्रिक्स का ध्यान सतत विकास के साथ एक निष्पक्ष, समावेशी और खुले अंतरराष्ट्रीय ढांचे के निर्माण पर है. जयशंकर ने आगे लिखा, “लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि कोई भी पीछे न रहे. सभी ब्रिक्स सदस्यों और दोस्तों को दृष्टिकोण के खुले और रचनात्मक आदान-प्रदान के लिए धन्यवाद.”
गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की और द्विपक्षीय एजेंडे के सामयिक मुद्दों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा की. इसके अलावा, दोनों मंत्रियों ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की भी प्रशंसा की.
रूसी विदेश मंत्री से भी एस जयशंकर की मुलाकात
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, “1 जून को, ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्रा के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष डॉ एस जयशंकर के साथ मुलाकात की. द्विपक्षीय एजेंडे के सामयिक मुद्दे, साथ ही अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याएं , चर्चा की गई,”
बैठक के दौरान एससीओ, ब्रिक्स और जी20 में चर्चा विकसित करने पर जोर दिया गया. रूसी विदेश विभाग के बयान के अनुसार, “मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की सराहना की. एससीओ, ब्रिक्स और जी20 में बातचीत के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया.
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