देवेश प्रताप सिंह राठौर
Jhansi: उत्तर प्रदेश के झांसी के कोछाभंवर स्थित आवासीय स्कूल में आई फ्लू ने इस तरह से पैर पसारा है कि बच्चे चीख-चिल्ला रहे हैं. दो दिन में 55 बच्चे इस बीमारी की चपेट में आए हैं, जिससे जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया है. मेडिकल टीम ने करीब 15 बच्चों को घर भेज दिया है. इस सम्बंध में जानकारी सामने आ रही है कि बीमारी की चपेट में आने से 55 बच्चों को आंख से पानी आना, जलन, लालिमा, सूजन, दर्द की समस्या हो गई है, जिससे बच्चे परेशान हैं.
इसकी जानकारी होने पर बुधवार को मेडिकल टीम स्कूल पहुंची और सभी 55 बच्चों का मेडिकल चेकअप किया. इसके बाद गंभीर दिक्कत वाले 15 बच्चों को दवा देकर घर भेज दिया गया, जबकि बाकी बच्चों को दवाई देकर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. सभी बीमार बच्चों को स्कूल के अन्य बच्चों से अलग दूसरे कमरे में रखा गया है. जानकारी सामने आ रही है कि शुरुआत में दो बच्चों को दिक्कत हुई थी, लेकिन दो ही दिन में 55 बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ गए थे.
महानगर से सटे कोछाभंवर गांव में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय बना हुआ है. ये आवासीय स्कूल है. यहां पर करीब 370 से बच्चे पढ़ते हैं. सोमवार को 2 बच्चों को आंखों में जलन, पानी आने, लालिमा आदि की दिक्कत होने लगी. मंगलवार सुबह तक बच्चों की संख्या बढ़कर 23 हो गई. तब स्कूल प्रबंधन ने सभी 23 बच्चों को इलाज के लिए झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज भेजा. जहां पर उनका ट्रीटमेंट किया गया. साथ ही इसकी सूचना बड़ागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भेजी गई.
आवासीय स्कूल में स्थिति गंभीर होते देख बड़ागांव सीएचसी से एक मेडिकल टीम को बुधवार को कोछाभंवर स्थित आवासीय विद्यालय में भेजा गया. जब टीम पहुंची तो आई फ्लू की चपेट में 55 बच्चे आ चुके थे. एक-एक करके सभी बच्चों का मेडिकल चेकअप किया गया और उनको दवाइयां दी गई. स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सभी 55 बच्चों का मेडिकल चेकअप कराया गया है, इनमें से 15 बच्चों को घर भेजा जा रहा है, जिनको ज्यादा दिक्कत थी. बाकी बच्चों को दवाई दी गई है, उनको अन्य बच्चों से अलग कर दिया गया है, ताकि बीमारी अन्य बच्चों में ना फैले.
इस सम्बंध में नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र कुमार का कहना है आई फ्लू यानी वायरल कंजेक्टिव संक्रमण रोग है, जो कि एक से दूसरे मरीज में तेजी से फैलता है. इन दिनों बारिश के मौसम में हर तीसरा मरीज यही समस्या लेकर ओपीडी में दिखाने के लिए आ रहा है. मरीज को एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल दवाएं दी जा रही हैं. ठीक होने में 1 से 2 सप्ताह का समय लगता है. उन्होंने बताया कि, मेडिकल की आई ओपीडी लगभग 200 की रहती है, इसमें 60 से 70 मरीज आंख में जलन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं.
आई फ्लू का शिकार मरीज काला चश्मा जरूर पहने.
आई फ्लू की चपेट में आए बच्चों को परिजन स्कूल न भेजें.
घर के दूसरे सदस्य भूलकर भी उसका सामान, तौलिया, आदि उपयोग ना करें.
आंख में पानी, लालिमा आते ही डॉक्टर को तुरंत दिखाएं.
-भारत एक्सप्रेस
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