Kuno National Park: अफ्रीका महाद्वीप से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है, जहां पिछले कुछ महीनों में इन चीतों की हुई मौतों के मामले पर सियासत गरमाई रही है. अब इस मामले पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य सचिव एसपी यादव की तरफ से बयान आया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कूनो में हुई तीन चीतों की मौत उनको पहनाए गए रेडियो कॉलर की वजह से नहीं हुई थी, बल्कि चीतों की मोटी चमड़ी में गंभीर संक्रमण के कारण हुई हैं.
ऐसे में अब अफ्रीका से ऐसे चीतों का भारत लाने की योजना है जिनकी चमड़ी मोटी न हो. एसपी यादव ने कहा कि प्रोजेक्ट के दूसरे साल में चीतों के प्रजनन पर पूरा फोकस रहेगा. चीतों की अगली खेप की बात करें तो वह अगले साल 2024 में देश पहुंचेगी.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों को पिछले वर्ष अपने जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था और इसी के साथ देश में प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत हुई थी. प्रोजेक्ट चीता का रविवार (17 सितंबर) को एक वर्ष पूरा हो गया है.
प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने कहा कि चीता कार्रवाई योजना में कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों को रखने की क्षमता है. इस वक्त वहां एक शावक सहित कुल 15 चीते हैं. उन्होंने कहा कि जब देश में चीतों की अगली खेप आएगी तो इन्हें किसी और क्षेत्र में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में हम दो ऐसे स्थान तैयार कर रहे हैं, जिसमें से एक गांधी सागर अभयारण्य और दूसरा नौरादेही है.
एसपी यादव ने देश में चीतों की मौतों के मामले पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि उनकी देखभाल में आई मुख्य चुनौती चीतों द्वारा अपने शरीर पर अफ्रीका महाद्वीप में सर्दी के मौसम के हिसाब से मोटी फर विकसित भी करना था, जिसकी अफ्रीकी विशेषज्ञों को उम्मीद भी नहीं थी.
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