Liquor Shop in Punjab: पंजाब के जालंधर में ‘वुमन फ्रेंडली’ (Women Friendly) शराब का ठेका खुलने पर हंगामा मच गया. राजनीतिक गलियारों से लेकर लोगों के ड्राइंग रूम तक यह मसला चर्चा का विषय बन गया. शहर के लंबा पिंड चौख पर खुले इस ठेके का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसमें लिखा था “वुमन फ्रेंडली ठेका” (women Friendly Theka). ऐसे में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को कोसना शुरू कर दिया. हालांकि, पंजाब सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए अलग शराब का ठेका खोलने की कोई सरकारी नीति नहीं है.
मामला जब तूल पकड़ने लगा तब प्रशासन ने इसमें दखल देने की कोशिश और मामले में जांच करवाने का फैसला लिया. लिहाजा, शराब ठेके के ठेकेदार ने महिला फ्रेंडली ठेके का बोर्ड दुकान से हटा दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ठेकेदार का कहना था कि उसने यह बोर्ड किसी के कहने पर नहीं बल्कि अपनी मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तहत लगाया था. क्योंकि, उसके ठेके से महिलाएं भी शराब ले जाती हैं और अक्सर उनकी शिकायत ठेके पर उनके प्रति दुश्वारियां थीं. लिहाजा, महिलाओं के फीडबैक के आधार पर उसने ऐसा बोर्ड लगाया था.
हालांकि, बोर्ड लगाने और सोशल मीडिया पर इसके वायरल होने की देरी थी कि राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को लपक लिया. पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंद सिंह राजा वडिंग (Raja Wading) ने घटना की निंदा की और इसके लिए AAP की सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने ट्वीट करके यह आरोप लगाया कि पंजाब में भगवंत मान की सरकार महिलाओं को शराब की लत लगाने की तैयारी में है.
वडिंग ने ट्वीट करके लिखा, “शर्मनाक! तीन महीने में पंजाब को नशामुक्त करने का वादा करने वालों ने अब महिलाओं को भी शराब की लत लगाने की तैयारी कर ली है. नशे ने पहले ही पंजाब की पीढ़ियों को निगल लिया है, अब महिलाओं के लिए ठेके खोलकर भगवंत मान आप क्या करना चाहते हैं? बदलाव का यह नया रूप बेहद खतरनाक है और इसके खतरनाक परिणाम होंगे.”
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महिला फ्रेंडली (Women Friendly) ठेका के विवाद में बीजेपी (BJP) ने भी अपना हाथ साफ किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के नेता जनार्दन शर्मा ने कहा कि पंजाब पहले से ही नशे की गर्त में था. अब जो कसर बाकी है, उसे पंजाब सरकार ने महिलाओं के लिए ठेके खोलकर पूरी कर दी है. नशे की वजह से लोगों के घर तो बर्बाद हो ही रहे हैं, अब गृहस्थी भी बर्बाद करने पर सरकार तुली है.
बहरहाल, इस पूरे विवाद की जड़ में ठेका मालिक है. जिसने अपनी मार्केटिंग के लिए कुछ हटकर करने की सोची और महिलाओं की सुविधा का हवाला देते हुए एक बोर्ड लगा दिया. विवाद उठने के बाद ठेका मालिक ने बोर्ड भी हटा दिया. वहीं, AAP की ओर से कहा गया है कि पंजाब में दूसरे ठेकों की तरह ही जालंधर (Jalandhar) का यह ठेका है. कोई अंतर नहीं है. महिलाओं के लिए अलग से विशेष ठेका खोलने की बात कोरी अफवाह है. हालांकि ठेके पर वुमन फ्रेंडली लिखा गया, इसकी जांच कराई जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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