Loksabha Elelction 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में कुनबा बढ़ाने की प्रक्रिया जारी है. कल ही कांग्रेस के कद्दावर नेता व कानपुर से कई बार के विधायक रहे अजय कपूर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. तो वहीं सपा में भी कई भाजपा नेता जा चुके हैं और कई कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. इसी बीच यूपी के बड़े राजनीतिक दलों में से एक बसपा भी अपनी रणनीति के साथ इस बार सभी राजनीतिक दलों को दांव दे सकती है. जानकार कहते हैं कि, अगर बसपा के समीकरण को देखें तो चाहे भले ही बसपा इस चुनाव में एक भी सीट पर जीत हासिल न कर सके, लेकिन सपा और कांग्रेस का खेल तो बिगाड़ ही सकती है.
बता दें, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन किया था और 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. अगर पिछले समीकरण को देखा जाए तो संसद पहुंचने वाले उसके 10 सांसदों में तीन मुस्लिम थे. इस बार बसपा की रणनीति सपा-कांग्रेस गठबंधन को नुकसान पहुंचाने के संकेत दे रही है, क्योंकि पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी ने इसी रणनीति के तहत प्रत्याशियों की घोषणा करनी शुरू कर दी है. अब तक पार्टी ने जो सात प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से पांच मुस्लिम हैं. हैरानी की बात यह है कि बसपा अपने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट देने के मूड में नहीं दिख रही है. या कह सकते हैं कि बसपा ने बागियों से दूरी बना ली है.
पार्टी इस बार सोची-समझी रणनीति के साथ काम कर रही है. बिजनौर से सांसद मलूक नागर की जगह विजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है. वह रालोद के चंदन चौहान को टक्कर देंगे. फिलहाल जाट और गुर्जर के इस मैदान में कांग्रेस-सपा का प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है. तो सहारनपुर के बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को कांग्रेस के टिकट देने की सुगबुगाहट है, ऐसे में बसपा ने यहां से माजिद अली को उतारा है. वहीं कांग्रेस से हाथ मिलाने जा रहे अमरोहा के सांसद दानिश अली की जगह पर डॉ. मुजाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया गया है. हालांकि दानिश अली को पहले ही पार्टी निष्कासित कर चुकी है. दारा सिंह प्रजापति को पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है. मुरादाबाद में इरफान सैफी औऱ पीलीभीत में अनीस अहमद खां को उतारा गया है. कन्नौज सीट पर अकील अहमद पट्टा को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि भाजपा की ओर से यहां पर सुब्रत पाठक मैदान में हैं, तो वहीं सपा की ओर से अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है.
मालूम हो कि अभी जो नाम प्रत्याशियों के सामने आए हैं, उसे बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर द्वारा घोषित किया गया है. हालांकि अभी तक बसपा सुप्रीमो की ओर से कोई घोषणा नहीं हुई है. माना जा रहा है कि, मायावती द्वारा जारी सूची ही अधिकृत मानी जाएगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि बसपा सुप्रीमो की ओर से जारी सूची को ही अधिकृत माना जाएगा. सूत्रों की माने तो यह सूची 15 मार्च को कांशीराम की जयंती पर जारी हो सकती है.
-भारत एक्सप्रेस
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