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Lucknow News: बकायेदारों पर शिकंजा कसेगा LDA, एक सप्ताह में नहीं किया भुगतान तो निरस्त होगा सम्पत्ति का आवंटन

Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) अपनी आवासीय, व्यावसायिक योजनाओं के बकायेदार आवंटियों और बकाया शुल्क न जमा करने वाले निजी विकासकर्ताओं पर शिकंजा कसने जा रहा है. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को आवासीय, व्यावसायिक सम्पत्ति, मानचित्र सेल, हाईटेक, इंटीग्रेटेड टाउनशिप की समीक्षा बैठक में बकायेदारों से वसूली के सम्बंध में सख्त निर्देश दिये हैं. इसके अंतर्गत समस्त बकायेदारों को एक सप्ताह में अवशेष धनराशि जमा करनी होगी, नहीं तो नियमानुसार नोटिस जारी करते हुए उनकी सम्पत्ति का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा. इसी तरह अगर निजी विकासकर्ताओं ने एक सप्ताह में बकाया शुल्क नहीं जमा किया तो उनकी बंधक सम्पत्ति को नीलाम करके वसूली की कार्रवाई की जाएगी.

समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में स्थित आवासीय सम्पत्ति के 1112 आवंटियों के 249 करोड़ रूपये बकाया हैं. वहीं, व्यावसायिक सम्पत्तियों के 693 आवंटियों के 233.74 करोड़ रूपये बकाया हैं, जबकि मानचित्र के 184 डिफाल्टरों ने 21.06 करोड़ रूपये जमा नहीं कराये हैं. इस पर उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों से पूछा कि अब तक इन बकायेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी.

समीक्षा में यह भी उजागर हुआ कि ऐसे कई आवंटी हैं, जिन पर सम्पत्ति के कुल मूल्य का 50 प्रतिशत या फिर उससे अधिक का बकाया हैं और उन्होंने चार से पांच साल में कोई भुगतान नहीं किया है.  इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे समस्त डिफाल्टर आवंटियों को तीन दिन में नोटिस जारी किया जाए. इनके द्वारा एक सप्ताह में बकाया धनराशि जमा न किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई करते सम्पत्ति का आवंटन निरस्त किया जाए. उक्त समस्त आवासीय, व्यावसायिक सम्पत्तियों को पुनः लॉटरी अथवा ई-नीलामी के माध्यम से नये सिरे से निस्तारित किया जाए.

इसके बाद उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा हाईटेक, इंटीग्रेटेड टाउनशिप के विकासकर्ताओं पर बकाया शुल्क की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि हाईटेक टाउनशिप के अंतर्गत मेसर्स गर्व बिल्डटेक प्रा. लि. पर नगरीय विकास शुल्क का लगभग 13 करोड़ रूपये बकाया है, जबकि मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रा. लि. पर नगरीय विकास शुल्क, क्रय योग्य एफ.ए.आर. शुल्क तथा वाह्य विकास शुल्क का लगभग 18 करोड़ रूपये अवशेष है. इसी तरह इंटीग्रेटेड टाउनशिप के अंतर्गत मेसर्स ओमैक्स लिमिटेड, मेसर्स ईमार एम.जी.एफ. लैंड लि., मेसर्स अमरावती रेजीडेंसी प्रा.लि., मेसर्स पिन्टेल रियलिटी डेवलपर्स प्रा, लि, मेसर्स स्वास्तिक मल्टीट्रेड प्रा, लि, मेसर्स ओमेगा इन्फ्राबिल्ड प्रा, लि और मेसर्स ए.एन.एस. डेवलपर्स प्रा. लि. पर नगरीय विकास, ग्रामीण आबादी विकास और बंधा शुल्क के करोड़ों रूपये बकाया हैं.

इसके अतिरिक्त स्वीकृत मानचित्रों/तलपट मानचित्र के स्वीकृत परियोजनाओं में एफ.ए.आर वाह्य विकास शुल्क बकाया है. इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि इन सभी विकासकर्ताओं को देय शुल्क जमा करने के सम्बंध में तत्काल नोटिस जारी किया जाए. अगर इसके बाद भी इनके द्वारा देयकों का भुगतान नहीं किया जाता है तो प्राधिकरण सम्बंधित की बंधक सम्पत्ति को जब्त करके नीलामी के माध्यम से बकाया धनराशि की वसूली करेगा.

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इस बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी और विशेष कार्याधिकारी देवांश त्रिवेदी समेत अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे.

-भारत एक्सप्रेस

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