Lucknow University News: छात्रसंघ बहाली को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के 193वें दिन छात्रों ने मुख्यमंत्री गेट संख्या एक पर खून से पत्र लिखा और सीएम योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित करते हुए मेधावी परिषद को बंद करके छात्रसंघ का चुनाव कराने की मांग की है. छात्रों के इस आंदोलन को पूर्व छात्र संघ के नेताओं ने भी समर्थन दिया है और छात्रसंघ बहाली की मांग कर रहे छात्रों के साथ विश्वविद्यालय कैंपस में बैठकर धरना प्रदर्शन किया.
आज छात्रसंघ बहाली के 193 वें दिन अनिश्चितकालीन आंदोलन के तहत छात्र नेताओं ने दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गेट संख्या 1 पर बैठकर खून से पत्र लिखा और छात्रसंघ बहाली की मांग की. इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र विंध्यावासिनी शुक्ल ने बताया कि रक्त देने वालों में प्रिंस कुमार ,अतुल यादव, मंगेश यादव छात्र शामिल हैं.
इसी के साथ विश्वविद्यालय कैंपस में आज छात्रसंघ बहाली अभियान के 193 वे दिन अनिश्चितकालीन आंदोलन में समाजवादी पार्टी के शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव व लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रनेता इंद्र जीत सिंह ने छात्रसंघ बहाली मोर्चा का पूर्ण समर्थन किया और पूरा सहयोग दिया. इसी के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता सूरज सिंह व पूर्व छात्रनेता आशीष सिंह राजपूत, पूर्व छात्रनेता राजशेखर सिंह, पूर्व छात्रनेता उज्ज्वल त्रिपाठी ने भी छात्रसंघ बहाली मोर्चा का पूर्ण समर्थन किया. इस आंदोलन में विपुल यादव, उत्कर्ष तिवारी, शिवा , प्रसन्न शुक्ला,आलोक मिश्रा,उत्कर्ष सिंह, शशि प्रकाश मिश्रा, कृत्यांश, शिवांशु ,आकाश ,आलोक सिंह आदि छात्र मौजूद रहे.
बता दें कि बुधवार को विश्वविद्यालय कैंपस में आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जबरदस्ती की थी और उनको जबरन उठाकर पुलिस बस में भर दिया था, बावजूद इसके छात्रों का मनोबल नहीं टूटा और वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस सम्बंध में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया है और पुलिस बल का इस्तेमाल कर गलत व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. छात्रों का आरोप है कि कुलपति सामने से ही मुस्कुरा कर निकल जाते हैं लेकिन उनकी बात नही सुन रहे हैं. वहीं छात्रों ने कहा कि, विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ बहाली को लेकर कहता है कि सरकार की ओर से रोक लगी है, इस पर छात्रों की मांग है कि अगर सरकार की ओर से रोक लगी है तो ये बात विश्वविद्यालय प्रशासन लिखकर क्यों नहीं देता. फिलहाल इस पूरे आंदोलन को लेकर छात्र नेताओं और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच में ठनी हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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