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Lucknow: धरना प्रदर्शन कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को पुलिस ने घसीटा, छात्रसंघ बहाली को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन

छात्रसंघ बहाली को लेकर छात्र लगातार 192 दिन से अभियान चला रहे हैं. इस बीच 3 दिन तक विद्यार्थियों ने काली पट्टी बांध कर मांगे पूरी न होने पर विरोध प्रदर्शन किया.

छात्रों को धरना स्थल से जबरन हटाती पुलिस

Lucknow University News: छात्रसंघ बहाली को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस में ही लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने छात्रों को जबरन हटाने की कोशिश की. इस सम्बंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस छात्रों को जबरन पुलिस बस में बैठाने की कोशिश कर रही है तो दूसरी ओर छात्र जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया है. इसी के साथ कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन लोगों के साथ तानाशाही कर रहा

वहीं पुलिस की कार्रवाई के बाद भी छात्रों का मनोबल नहीं टूटा और छात्र पूरी रात धरने पर बैठे रहे. बता दें कि छात्रसंघ बहाली को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र पिछले 192 दिन से अभियान चला रहे हैं और दिन-रात आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के 3 दिन छात्रसंघ बहाली मोर्चा द्वारा काली पट्टी बांध कर मांगे पूरी न होने पर विरोध किया गया है. इस दौरान स्टूडेंट्स रात में भी धरने पर बैठे हुए हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो व तस्वीरें शेयर कर अपने अभियान को धार देने में जुटे हैं. दूसरी ओर धरना स्थल से छात्रों को हटाते हुए पुलिस ने कहा है कि छात्र बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों को जबरन पुलिस ने गाड़ी में बैठाया तो छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस छात्रों के साथ इस तरह की हरकत कर रही थी और विश्वविद्यालय प्रशासन मूक दर्शक बनकर तमाशा देख रहा था.

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छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की बदसलूकी की वजह से तमाम छात्रों को चोट लगी है. पुलिस ने जबरन छात्रों को सड़क पर घसीटा है. बता दें कि सोमवार की हुई घटना के बाद से छात्रों में आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है और वे सोमवार की रात में हुई बारिश के बीच भी धरने पर बैठे रहे और तभी से लगातार दिन और रात में धरने पर बैठे हुए हैं. तो वहीं छात्रों का आरोप है कि छात्रसंघ बहाली को लेकर कुलपति से लेकर कुलसचिव तक ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन छात्रसंघ बहाली को लेकर किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. तो दूसरी ओर छात्रों की मांग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इसको लेकर सरकार ने रोक लगाई है. तो दूसरी ओर छात्रों का कहना है कि अगर छात्रसंघ बहाली को लेकर सरकार ने रोक लगाई है तो ये बात विश्वविद्यालय प्रशासन लिखकर दे. वहीं धरने को लेकर छात्रनेता विंध्यवासिनी शुक्ला ने बताया कि धरने पर बैठे छात्रों के सामने से कुलपति निकल जाते हैं लेकिन मिलने नहीं आते. इसी के साथ छात्र ने ये भी आरोप लगाया कि छात्र लगातार बारिश में बैठे रहे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं कहा गया. इसी के साथ छात्रों ने बताया कि छात्रसंघ बहाली आंदोलन को पूर्व छात्र संघ के पदाधिकारियों द्वारा समर्थन किया गया है. तो वहीं बुधवार को पूर्व पदाधिकारी भी धरने में शामिल रहे.

-भारत एक्सप्रेस



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